राजनांदगांव- जिले के छुईखदान क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवागाँव मे गोधन न्याय योजना से बने वर्मी बेड के ऊपर से शेड नहीं होने से वर्मी कम्पोस्ट खाद अनुपयोगी साबित हो रहा हैं…

राजनांदगांव जिले के छुईखदान क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवागाँव मे गोधन न्याय योजना से बने वर्मी बेड के ऊपर से शेड नहीं होने से वर्मी कम्पोस्ट खाद अनुपयोगी साबित हो रहा हैं प्रशासन फंड का अभाव बताकर अपना पल्ला झाड लिया है ।
राजनांदगांव जिले मे हरेली पर्व के मौके पर प्रदेश शासन ने गौधन न्याय योजना की शुरूवात की है और पशु मालिको से गोबर खरीदकर वर्मीकम्पोस्ट खाद के निर्माण मे जुटी हुई है इसके लिए जिले मे गौठानो का विस्तार केचुआ टैक बनाया गया है । और वर्मी बेड मे शेड लगाया गया है ताकि खाद की गुणवत्ता बरकरार रहे इसी तरह एस एल आर एम सेंटर मे भी वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा रहा है जहाँ पर स्वच्छता दीदी खाद बनाने मे जुटी हुई है लेकिन जिले के छुईखदान अन्तर्गत ग्राम पंचायत नवागांव के एसएलआरएम सेंटर मे बने वर्मी बेड मे शेड न होने के कारण वर्मा कम्पोस्ट खाद अनुपयोगी साबित हो रहा है ।यहां पर पशुपालको से सरकार गोबर खरीद रही है और वर्मीकम्पौस्ट बनाने मे जुटी हुई है वर्मी बेड मे शेड न होने के कारण बारिश का पानी वर्मी बेड मे भर गया है बारिश और धूप के बीच यहां बने खाद अनुपयोगी साबित हो रहा है नगर पंचायत के सीएमओ अजय सिंहका कहना है कि शेड निर्माण के लिए अभी हमारे पास फंड नहीं है शासन को अवगत कराया गया है साथ ही मरम्मत संधारण से टेंडर निकाला गया है और जल्द से जल्द उस पर कार्य चालू हो जाएगा

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ग्राम पंचायत नवागांव के एल एस आर एम सेंटर मे वर्मीकम्पोस्ट के लिए 10 टंकियां बनाई गई है शासन से 10 टंकिया और बनाने की मांग की गई है जबकि शेड निर्माण नही किया गया है पार्षद प्रकाश महोबिया ने एसएलआरएम सेंटर में व्यवस्था में कमियों को लेकर शासन से निर्देश लेकर जल्द से जल्द दूर कर लिए जाने की बात कही है साथ ही उन्होंने कहा कि अपूर्ण कार्य शीघ्र ही पूर्ण कराने की बात कही है

नगर पंचायत छुईखदान के अंतर्गत एसएलआरएम सेंटर में खरीदे गए गोधन का भुगतान जैविक खाद निर्माण तथा पैकेजिंग और मार्केटिंग आदि कार्यों में उदासीनता देखने को मिल रही है नगर पंचायत द्वारा फंड का अभाव बताया जा रहा है एसएलआरएम सेंटर में वर्मी कंपोस्ट एवं अन्य सामग्रियों के निर्माण में भी निरंतरता नहीं दिखाई दे रही है पशु पालकों एवं गोबर विक्रेताओं के पंजीयन में भी सुस्ती बरती जा रही है उच्च अधिकारियों के निरीक्षण के अभाव में राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना खटाई में पड़ती दिखाई दे रही है