राजनांदगांव- महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाल गंगाधर की पूण्य तिथी पर आज राजनांदगांव शहर के काग्रेस भवन मे संगोष्ठी सभा का आयोजन किया गया इस मौके पर उनके तैल चित्र मे व्दीप प्रज्जवलन एव माल्यापर्ण कर पुष्पाजंली अर्पित की गई ।
स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा’ का नारा देकर अंग्रेजों के खिलाफ पहली बार संपूर्ण स्वराज की मांग करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी बाल गंगाधर तिलक की आज पुण्यतिथि के मौके पर राजनांदगांव शहर के काग्रेस भवन मे एक संगोष्ठी का आयोजन कर उन्हे याद किया गया और उनके आदर्शो पर चलने का संकल्प दुहराया गया ।कार्यक्रम के पूर्व महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बालगंगाधर के तैल चित्र पर व्दीप प्रज्जवलन एव माल्यापर्ण कर विन्रम श्रध्दाजंली दी गई ।
इस मौके पर आयोजित संगोष्ठी सभा मे वक्ताओ ने उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आजादी के साथ-साथ समाज सुधार, बाल विवाह जैसी कुरीतियों को खत्म करने के लिए भी बाल गंगाधर तिलक ने लंबी लड़ाई लड़ी।
महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बाल गंगाधर तिलक समाज सुधारक, दार्शनिक, प्रखर चिंतक, शिक्षक और पत्रकार के तौर पर भी उन्होंने अपनी पहचान बनाई, इसलिए उन्हें ‘लोकमान्य’ की उपाधि दी गई।
अंग्रेजों के खिलाफ छेड़े गए आंदोलन में उन्होंने कई ऐसे साहसिक फैसले लिए, जिसके कारण उन्हें गरम दल का नेता कहा जाने लगा।काग्रेस भवन मे आयोजित संगोष्ठी सभा के बाद काग्रेस जनो ने तिलक वार्ड पहुचकर बाल गंगाधर तिलक की प्रतिमा मे माल्यार्पण कर श्रध्दा सुमन आर्पित किये इस मौके पर बडी मे काग्रेस जन उपस्थित थे