राजनांदगांव 29 जून 2020। जिले में संचालित पंजीकृत बाल देखरेख संस्थाओं में निवासरत देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई संरक्षण में दिए जाने के लिए फॉस्टर केयर में भारतीय इच्छुक दम्पत्तियों से आवेदन आमंत्रित हंै। किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 44 तथा मॉडल गाइड लाईन फॉर फॉस्टर केयर 2016 के प्रावधान के अनुसार अस्थायी संरक्षण में दिया जाना है। आवेदन का प्रारूप जिले की वेबसाईट www.rajnandgaon.gov.in में अपलोड किया गया है।
फॉस्टर केयर परिवार का दायित्व होगा कि वह बच्चों को समुचित भोजन, वस्त्र, आश्रम, शिक्षा, उच्च शिक्षा, देखभाल एवं संरक्षण, आवश्यकता के अनुसार सभी प्रकार का चिकित्सा, उपचार, आयु एवं रूचि अनुसार व्यावसायिक प्रशिक्षण, बालक की विकास संबंधी आवश्यकताओं की पूर्ति, बालक के शोषण, दुव्र्यवहार, हानि, उपेक्षा से सुरक्षा तथा बालक एवं उनके जीवित परिवार की निजता का सम्मान करें। इसके साथ ही फास्टर केयर मार्गदर्शिका 2016 में उल्लेखित सभी दायित्वों एवं शर्तों तथा बालक कल्याण समिति एवं जिला बाल संरक्षण ईकाई के निर्देशों का पालन अनिवार्य होगा।
ऐसे भारतीय दम्पत्ति जो देखरेख और संरक्षण की आवश्यकता वाले बालकों को अस्थाई रूप से संरक्षण में लेना चाहते हैं वे जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग राजनांदगांव के कार्यालय में संपर्क कर निर्धारित प्रपत्र में आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के बाद अधिनियम एवं गाईड लाईन के अनुरूप में गृह अध्ययन प्रतिवेदन तथा स्पान्सरशिप एवं फास्टर केयर अनुमोदन समिति की अनुशंसा के आधार पर जिले की बाल कल्याण समिति द्वारा देखरेख एवं संरक्षण के लिए बच्चों को संबंधित दंपत्ति को फास्टर केयर में दिया जा सकेगा।