दुर्ग। भारतीया कृषि महाविद्यालय सत्र् 2001-02 से प्रारंभ हुआ था जो अपनी उत्कृष्ट शिक्षा तथा छात्रों को बेहतर मार्गदर्शन देने से शीघ्र ही अपनी ख्याति अर्जित कर ली, यह छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ-साथ देश के अन्य प्रदेशों में भी अपनी पहचान बना ली है कि यह आज एक अच्छे संस्थानों में से एक है।
अब यह एक गु्रप आॅफ इंस्टीटयूशन के रूप में कार्यरत है तथा सत्र 2021-22 से भारती विश्वविद्यालय भी अस्तित्व में आ गया है। इस विश्वविद्यालय में उन सभी विषयों के प्रवेश व अध्यापन की व्यवस्था है, जो छात्रों को रोजगार के अवसर प्रदान करते है। आज के समय में ऐसे विषयों की महती आवश्यकता है।
भारती विश्वविद्यालय में पी.एच.डी. समेत 112 विषयों की पढ़़ाई हो रही है, जिसमें इंजीनियरिंग, पाॅलिटेक्निक, लाॅ, फार्मेसी, भौतिक, रसायन, जर्नलिज्म की स्तातक तथा स्नातकोत्तर पढ़ाई कराई जा रही है। छात्रों का चयन विभिन्न सरकारी सेवाओं, एडमिशट्रेशन वैज्ञानिक के पदों पर हुआ है जो संस्था का नाम रोशन कर रहे है।
प्रदेश में अध्ययनरत समस्त कृषि छात्रों के लिए जो एम.एस-सी.के लिए शिक्षण संस्थानों तथा निजी संस्थाओं में कार्यरत है। कृषि में स्नातक कर चुके है उनके लिए यह एक सुनहरा अवसर भारती विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों जैसे अलग-अलग विषयों के लिए प्रवेश दिया जा रहा है। पादप विज्ञान, जीवविज्ञान, बायोटेक्नाॅलाॅजी, माइक्रोबायोलाॅजी, बायो केमेस्ट्री आदि जैसे विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर (एम.एस-सी 2 वर्षीय पाठ्यक्रम ) में प्रवेश ले सकते है।
भारती विश्वविद्यालय द्वारा कृषि के छात्रों को उनके उज्जवल भविष्य की ओर ले जाने हेतु तथा अलग-अलग क्षेत्रों में नौकरी का अवसर प्रदान करने हेतु विभिन्न विषयों में डिग्री/डिप्लोमा प्रदान किया जावेगा, इस हेतु भारतीय विश्वविद्यालय में एक अनुठी पहल की है। कृषि छात्रों की रूचि अनुरूप पत्रकारिता और जन संपर्क जैसे विषयों में भी डिग्री/डिप्लोमा प्राप्त कर अपना भविष्य उज्जवल बनाने का अवसर होगा।