राजनांदगांव: भड़सेना गांव में शराब बनेगी और ना बिकेगी, गणेश चतुर्थी पर्व पर पंचायत की बैठक में ग्रामीणों ने लिया ऐतिहासिक फैसला…

राजनांदगांव/अंबागढ़ चौकी- भड़सेना गांव के लोगों के लिए गणेश चतुर्थी पर्व ऐतिहासिक बन गया। लगभग 13 सौ आबादी वाले भड़सेना गांव में 230 मकान है। यहां करीब 75 फीसदी अनुसूचित जनजाति वर्ग के आदिवासी रहते हैं। गणेश चतुर्थी पर ग्रामीणों ने गांव में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। ग्रामीणों ने सबकी सहमति से फैसला लिया है कि गांव में किसी भी परिवार के घर शराब नहीं बनेगा, वहीं शराब की बिक्री भी नहीं की जाएगी। इसके बाद भी यदि कोई ऐसा करता है तो गांव समिति उक्त व्यक्ति व परिवार से 50 हजार रुपये अर्थदंड वसूल करेगी। वहीं पांच वर्ष के लिए उसे गांव के कार्यो से बहिष्कृत किया जाएगा। अर्थदंड से वसूल राशि का उपयोग गांव के विकास कार्यों के लिए होगा।

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ग्रामीणों के इस फैसले पर पंचायत ने भी अपनी मुहर लगा दी है। दरअसल गांव के हर घर में कच्ची शराब बन रही थी। साथ ही शराब की अवैध बिक्री भी बढ़ गई थी। इसके कारण गांव के 12 से 15 साल के बच्चें भी शराब की लत में फंस रहे थे।

भड़सेना गांव में पूर्ण रूप से शराब बंदी लागू की गई है। ब्लाक मुख्यालय से महज सात किमी दूर स्थित भड़ेसना में गुरुवार को पंचायत ने बैठक बुलाई, जिसमें पूर्ण शराबंदी पर निर्णय लिया गया। इस बैठक में गांव के हर परिवार से एक-एक सदस्य शामिल हुआ। बैठक करीब पांच घंटे गांव के कोल्हयाटोला स्थित सार्वजनिक मंच पर सुबह दस बजे से शाम चार बजे तक चली। इसमें गांव की महिलाओं की भी अहम भूमिका निभाई। पांच घंटे तक बैठक में हर घर कच्ची शराब का निर्माण और बिक्री को लेकर चर्चा हुई।

ग्रामीणों की सहमति से सुनाया फैसला

गांव के पटेल देवेन्द्र मुगनकर व गांव समिति के प्रमुख झरन सिह कुंभकार, बसंत कुंजाम, बालकराम नेताम, राधे नेताम, पंचराम कुंजाम, ढालसिंह कोरेटी, सुरेष कोरेटी, चन्द्रभान, श्रवण कोमरे, समारू कोमरे, कीर्तनलला कुंभकार, ठाकुरराम कुंभकार, नरेन्द्र कोमरे, सियाराम परतेती, रामकुमार सलामे, दुलार विष्वकर्मा व सरपंच मोहन लाल ध्रुवे ने ग्रामीणों कि सहमति से यह फैसला सुनाया कि गांव में अब कोई भी षराब की बिक्री नहीं होगी और न ही गांव में किसी व्यक्ति व परिवार द्वारा कच्ची शराब का बनाया जाएगा। यदि किसी ने गांव में कच्ची शराब बनाई और गांव में कच्ची या दुकानो की शराब की बिक्री की गई, तो आरोपी से 50 हजार रुपये का अर्थदंड लिया जाएगा। वहीं आरोपित को पांच साल तक गांव के कार्यो से बहिष्कृत किया जाएगा।

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