- समूह की महिलाओं ने 22 हजार 480 राखियों का विक्रय कर 2 लाख 35 हजार रूपए की राशि अर्जित की
- छत्तीसगढ़ी संस्कृति की सुरभि विदेशों तक फैली
- हुनर को मिली एक खास पहचान
राजनांदगांव – रक्षाबंधन का पर्व बिहान के स्वसहायता समूह की महिलाओं के लिए खुशियों का पैगाम लेकर आया है। उम्मीद, अटूट विश्वास और प्रेम संजो, परंपरागत खूबसूरत राखियां से भाइयों की कलाइयां सुशोभित हो रही रही हैं। छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और परंपरा धन-धान्य से परिपूर्ण तथा खुशहाली की कामना का संदेश लिए हुए बिहान की राखियों ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान बनाई है और अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्म अमेजन पर राखियां विक्रय के लिए उपलब्ध रही। समूह की महिलाओं ने 22 हजार 480 राखियों का विक्रय कर 2 लाख 35 हजार रूपए की राशि अर्जित की है।
समूह की महिलाओं ने धान, बांस, रखिया बीज, अरहर, चावल, मोती एवं खुबसूरत रंग-बिरंगे धागों तथा डिजाईन से सजी सुंदर राखियां गढ़कर सफलता की नई इबारत लिखी है। हमारी विशेष संस्कृति हमारी अमूल्य धरोहर है और बिहान की राखियों के माध्यम से हमारी छत्तीसगढ़ी संस्कृति की सुरभि विदेशों तक फैली है। बिहान की महिलाओं के भावनाओं की रचनात्मक अभिव्यक्ति तथा उनके हुनर को एक खास पहचान मिली।
कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने बिहान की महिलाओं का उत्साहवर्धन किया और जिला प्रशासन द्वारा उनकी बेहतरी के लिए हरसंभव प्रयास किये गए। जिससे यह रक्षाबंधन का पर्व उनके लिए विशेष रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ा है और वे स्वावलंबन की दिशा में मजबूती से कदम बढ़ा रही हैं।