राजनांदगांव: शासन के वनधन विकास केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रभावी केन्द्र के रूप में उभर रहे हैं…

राजनांदगांव- जिसको लक्ष्य पाना है वह कठिन रास्तों की परवाह नहीं करते। संगठित होकर शिद्दत से की गई कोशिश की परिणति यह रही कि छुरिया विकासखंड में प्रगति वनधन विकास केन्द्र जोब की महिलाओं को चिरायता का विक्रय कर 63 हजार रूपए का मुनाफा हुआ। शासन की वनधन विकास केन्द्र महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रभावी केन्द्र के रूप में उभर रहे हैं।

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समूह की सचिव श्रीमती रूक्मिणी मंडावी ने बताया कि ऐसा सोचे नहीं थे कि एक माह में इतनी उन्नति करेंगे। उन्होंने कहा कि जनपद पंचायत के अधिकारियों से प्रोत्साहन एवं सहयोग मिला, जिससे हम सभी महिलाएं अब स्वावलंबी हो रही हैं। शासन के प्रगति वनधन विकास केन्द्र जोब से हमारी किस्मत बदली है। अब हम न केवल जागरूक हुए हैं बल्कि हमारा आत्मविश्वास भी बढ़ा है और संकोच दूर हुआ हैे।

उन्होंने बताया कि 44 क्विंटल चिरायता ग्रामीणों से क्रय किया गया। हमें वन विभाग की मदद मिली और वन विभाग द्वारा चिरायता क्रय किया गया। उन्होंने बताया कि समूह की महिलाएं अभी इस सफलता से बहुत खुश है और हम सभी आगे किस तरह कार्य करना है इस पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं। बिमला बाई ने कहा कि अब हम जिमीकंद का अचार बनाएंगे और इसकी मार्केटिंग भी करेंगे।

जनपद पंचायत सीईओ श्री प्रतीक प्रधान ने बताया कि चिरायता वनौषधि है और इस क्षेत्र में बहुतायत होता है। महिलाओं ने 93 हजार 135 रूपए की लागत से ग्रामीण क्षेत्रों में चिरायता खरीदा था और उसका विक्रय करने पर 1 लाख 55 हजार 225 रूपए की राशि में विक्रय किया। जिससे शुद्ध आमदनी 62 हजार हुई।