
राजनांदगांव। उत्तरप्रदेश-बिहार के साथ ही संस्कारधानी में भी छठ पर्व का उत्साह देखने को मिल रहा है। नहाय खाय के साथ छठ का आगाज हुआ। इस पर्व में व्रत महिलाएं सूर्य को अर्ध्य देंगी और छठी मैय्या से घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करेंगी। पर

संस्कारधानी में छठ पर्व की छंटा बिखर रही है। चार दिवसीय पर्व का आगाज हुआ। पहले दिन नहाय-खाय की रस्म पूरी की गई। खरना के बाद डूबते सूर्य एवं उगते सूर्य को अर्ध्य देने की परंपरा है। इस दौरान व्रतधारी महिलाएं 36 घंटे तक लगातार व्रत रखेगी।
मान्यता है कि छठ पर्व में सूर्य उपासना करने से छठ माता प्रसन्न होती है। 19 नवंबर को छठ माता की पूजा के साथ शाम को व्रतधारी महिलाए तालाब के घाट पहुंचकर अस्ताचल सूर्य को अर्ध्य देंगी फिर दूसरे दिन 20- नवंबर को उगते सूर्य को अर्ध्य के साथ ही छठ पर्व का समापन होगा।
यहां होगी छठ मैय्या की पूजा
मोतीतालाब के अलावा चिखली एवं पीटीएस के बाजू तालाब में महिलाएं एकत्रित होंगी और छठ मैय्या की पूजा करेंगी। आज ही तीनों तालाबों की सफाई की गई।