राजनांदगांव : स्नातक छात्रों के लिए “कृषि उद्यमिता और कौशल विकास” पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन…

राजनांदगांव – इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद(ICAR) एवं राष्ट्रीय उच्च कृषि शिक्षा परियोजना (NAHEP),नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. मेजर जी. के. श्रीवास्तव एवं संचालनालय शिक्षण डॉ. एस. एस. सेंगर के मार्गदर्शन व सहयोग से एक दिवसीय कार्यशाला “कृषि उद्यमिता कौशल विकास” का आयोजन पंडित शिवकुमार शास्त्री कृषि महाविद्यालय, सुरगी, राजनांदगांव में 14 मार्च 2012 को किया गया I

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इस कार्यक्रम में लगभग 125 स्नातक छात्र छात्राओं ने ऑफलाइन एवं तक़रीबन 90 स्नातक छात्र छात्राओं ने पंजीयन करवाया इस कार्यशाला के मुख्य अन्वेषण तथा आयोजन सचिव डॉ आर एन सिंह अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय, सुरगी, कार्यक्रम के संयोजक डॉ ललित कुमार रामटेके एवं समस्त अधिकारी एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में संपन्न हुआ I कार्यशाला का शुभारंभ डॉ. पूजा साहू द्वारा किया गया कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति ने छात्रों को “कृषि उद्यमिता और कौशल विकास” पर कौशल विकास की बुनियादी तथा मूलभूत जानकारी दी I

कार्यशाला के शुरुआती दौर में डॉ एस बी गुप्ता, प्राध्यापक, कृषि सूक्ष्म विज्ञान विभाग ने अपने विचारों के माध्यम से छात्रों को सूक्ष्मजीव जैसे:- राइजोबियम कल्चर एवं माइकोराईजा कल्चर के बारे में जानकारी दी I तत्पश्चात डॉ हुलाश पाठक, मुख्य क्रियान्वयन अधिकारी, RAFTAR- Project, IGKV, रायपुर(छग) ने कृषि उद्यमिता की बुनियादी व मूलभूत जानकारी प्रदान की इसी कड़ी में कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ अर्चना प्रसाद ने भारत में गुणवत्ता सहयोग निर्यात प्रमाणन और कृषि साख पर जानकारी प्रेषित की तथा समीर गजभिए, निदेशक-तथागत टुटोरिअल, राजनांदगांव, ने प्रतियोगी परीक्षा के दौरान समय व तनाव प्रबंधन किस प्रकार किया जाता है के बारे में जानकारी दी तथा उद्यमिता के निर्माण के लिए विकास के विषय में डॉक्टर मेघा सिंह, मैनेजरएवं सहा. प्राध्यापक, जैव प्रौद्योगिकी प्रोत्साहन सोसाइटी, IGKV, रायपुर(छग) ने अपने विचार प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के अंत में डॉ. अविनाश गुप्ता ने समस्त छात्र व कर्मचारियों को धन्यवाद प्रेषित किये एवं अंत में समस्त स्नातक छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया इस कार्यक्रम में डॉ. द्विवेदी प्रसाद, डॉ. डिकेश्वर निषाद, डॉ. मनीषा साहू, डॉ. मीनाक्षी मेश्राम, डॉ उर्मिला भगत डॉ. रोमिला जेस, डॉ. प्रेरणा परिहार तथा समस्त महाविद्यालय के कर्मचारियों का सहयोग रहा I