रायगढ़ : महासमुंद से जांजगीर पहुंची हथनी महिला को कुचलकर मार डाला…

रायगढ़ : गुरुवार की रात हथिनी अपने बच्चे के साथ सारंगढ़ रेग्युलर और गोमर्डा सेंचुरी के बार्डर पर थे। इसके बाद दोनों हाथी सारंगढ़ कोसीर होते हुए 25 किमी का सफर तय कर सारंगढ़ व मरघट्‌टी के बीच महानदी को पार कर जांजगीर-चांपा जिले में प्रवेश कर गए। रात भर चलने के बाद दो हाथियों का यह दल हसौद थाना क्षेत्र के ग्राम मरघट्‌टी में देव पटेल की बाड़ी में सुबह 7 बजे घुस गया। रास्ते भर उसने धान की रबी फसल को नुकसान पहुंचाया।


जिले में सक्ती और बलौदा क्षेत्र में ही जंगल है। इन जंगलों में अभी तक भालू, बारहसिंघा ही दिखाई देते थे। हाथियों से जिला अभी तक सुरक्षित रहा है, इससे पहले हाथी कभी नहीं आया। लेकिन अब हाथियों ने रास्ता बना लिया है। जिले के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ कि जंगली हाथियों का दल घुस आया। वन विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार दो हाथियों का यह दल पिछले सप्ताह भर से महासमुंद, सरायपाली, सारंगढ़ क्षेत्र में घूम रहा था।

सरायपाली महासमुंद से खदेड़े जाने पर दोनों हाथी सारंगढ़ पहुंच गए। दोनों गुरुवार की रात सारंगढ़ क्षेत्र में ही भटकते रहे। रात में उस एरिया को छोड़कर महानदी पार करके जांजगीर जिला में घुस आए। हाथियों के मरघट्‌टी पहुंचने की सूचना पर जांजगीर-चांपा जिला व रायगढ़ जिले के वन मंडल की टीम मौके पर पहुंची।


सारंगढ़ अभयारण्य के अफसर भी मौके पर हाथियों के स्वभाव व मूवमेंट की निगरानी करते रहे। वन विभाग के अनुसार हथिनी और बच्चा पिछले दो दिनों से रायगढ़-महासंमुद सीमा पर विचरण कर रहे थे। गुरुवार की रात दोनों हाथी सारंगढ़ रेग्युलर और गोमर्डा अभयारण्य के नजदीक देखा गया था, लेकिन रात में दोनों हाथी 25 किमी लंबा रास्ता तय कर भोजन और पानी की तलाश में कोसीर के रास्ते महानदी पार कर जांजगीर जिले तक पहुंच गए।


राह भटकने के कारण उग्र हुई
रायगढ़ | सारंगढ़ रेंज के कोसीर गांव में वृद्ध महिला को मारने वाली हथिनी अपने शावक और चार हाथियों के साथ महासमुंद सराईपाली के जंगलों में थी। यहां एक हाथी की मौत हुई। इसके बाद दल का एक अन्य नर हाथी भी भाग गया। हथिनी शावक के साथ भटकती हुई कोसीर पहुंच गई। फॉरेस्ट अफसरों ने बताया कि दल से बिछड़ने या रास्ता भटकने के बाद हाथियों के व्यवहार में उग्रता आती है और ये ज्यादा उत्पाती हो जाते हैं। हथिनी अभी जिस रास्ते पर है वह आमतौर पर एलिफेंट कॉरिडोर नहीं है।

सारंगढ़ के कुछ इलाकों में हाथी का आना जाना हुआ है। लेकिन कोसीर क्षेत्र के महानदी तट पर हाथी आते नहीं हैं। इस रास्ते से जांजगीर जिले में भी हाथियों के घुसने का यह पहला मामला है। जानकार इसकी वजह जंगल कम होना बताते हैं।