एनटीपीसी रेल लाइन पर राइट्स ने बनवाए थे तीन ब्रिज, भास्कर ने उजागर की थी खामी
रायगढ़ : शहर के आसपास एनटीपीसी लारा की रेल लाइन पर राइट्स द्वारा बनाए गए तीन रेलवे ओवरब्रिज जर्जर हो गए हैं। 60 करोड़ रुपए से बने इन ब्रिज को कैसे सुधारें, इस पर राइट्स ने रायपुर एनआईटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) से सुझाव मांगा है। दो साल पहले बने 3 पुलों में एक तोड़ा जा चुका है। दूसरे को तोड़ने की तैयारी है, वहीं तीसरे ब्रिज की सड़क धंस गई है।
रायपुर से लौटे अफसरों ने बताया कि तोड़ा जा चुका ब्रिज एनआईटी से सुझाव मिलने के बाद ही बनाया जाएगा।
एनटीपीसी की निर्माण एजेंसी राइट्स की अनदेखी के कारण 60 करोड़ रुपए खर्च कर बनाए गए तीन रेलवे ओवरब्रिज समय से पहले ही खस्ताहाल हो गए हैं। एक ब्रिज को रेलवे ने कुछ दिनों पहले ही आवागमन शुरू करने के बाद ढहा दिया। दरअसल राइट्स ने एक साल में ही जर्जर होने पर नेतनागर से बड़माल के बीच बने आरओबी को तोड़ दिया है। लोइंग मार्ग पर चिटकाकानी आरओबी में भी घटिया निर्माण के कारण इसकी सड़कें भी सुधारी जा रही है। रेंगालपाली बॉर्डर के नजदीक बने आरओबी का भी यही हाल है। ठीक से कॉम्पेक्शन नहीं होने के कारण मिट्टी दबने से सड़क धंसने का अनुमान है, लेकिन अफसर इसे लेकर एकमत नहीं है।
सुझाव आने तक बंद रहेगा मार्ग
बड़माल से नेतनागर के बीच बने मार्ग को पूरी तरह से डिसमेंटल कर रेलवे लाइन के ऊपर के पार्ट को निकाल दिया गया है। ऐसा इस मार्ग को शुरू करने के बाद किया गया। ग्रामीण नीचे के रास्ते से ही ट्रैक पार करते हैं। एनआईटी से सुझाव मिलने तक इसमें कोई सुधार नहीं किया जाएगा। ऐसे में अभी इसे होने में काफी लंबा वक्त लग सकता है।
लोइंग और एनएच पर बने ब्रिज की भी होगी मरम्मत
बड़मल पर बने ब्रिज के अलावा एनएच 49 और लोइंग के रास्ते पर पड़ने वाले रेलवे ओवरब्रिज को भी राइट्स एजेंसी से ठेका लेकर आइरन प्राइवेट ट्राइंगल ने बनाया है। तीनों ब्रिज की स्थिति दयनीय है। सड़क धंस रही है। उक्त दोनों ब्रिज पर आवागमन चालू है, लेकिन सड़क लगातार धंस रही है। ऐसे में इन ब्रिज को भी सुधारने का सुझाव मांगा गया है। फिलहाल जीएसबी डालकर ही इन्हें सुधारा जा रहा है।
तकनीकी समझने मांगा है सुझाव
“हमने एनआईटी से सुझाव मांगा है क्योंकि देश में तकनीक भी नई है। इसके धंसने के कारण को सही तरह से समझने के लिए ही सुझाव मांगे गए हैं। रायपुर से टीम आकर दौरा कर भी गई है।”
-जोगीनाथ सारंगी, साइट मैनेजर, राइट्स










































