राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां राजभवन में वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से इंडियन पोडियाट्री एसोसिएशन के छत्तीसगढ़ चेप्टर का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह प्रारंभ होने से प्रदेश में डायबिटिक फुट से ग्रसित मरीजों को इलाज में विशेष सुविधा मिलने के साथ ही इस बीमारी के प्रति लोगों में जागरूकता आएगी। इस बीमारी से पीड़ित मरीज पैर खोने से बच जाएंगे। यह वास्तव में मानवीय सेवा का बड़ा कार्य है। इसके लिए संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुरी और छत्तीसगढ़ चेप्टर के चेयरमेन डॉ. सुनील कालड़ा को विशेष रूप से बधाई देती हूं। यह कार्य इलाज करने के साथ-साथ लोगों को नया जीवन प्रदान करने जैसा है।
राज्यपाल ने कहा कि इंडियन पोडियाट्री एसोसिएशन विशेष रूप से डायबिटिक फुट पर केन्द्रित होकर कार्य करता है। मधुमेह के रोगियों को इसके प्रति जागरूक करता है और उनका इलाज भी करता है। इस संस्था में चिकित्सा से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ शामिल हैं, जो मिलकर डायबिटिक फुट की बीमारी को रोकते हैं और गंभीर स्थितियों में रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि आज की भाग-दौड़ की जिन्दगी तथा आनुवांशिक कारणों से डायबिटिज की बीमारी आम होती जा रही है। एक अध्ययन के अनुसार भारत देश में करीब 5 से 6 करोड़ लोग मधुमेह रोग से पीड़ित हैं। इसके कारण हर साल करीब एक लाख मधुमेह रोगी अपना पैर खो देते हैं। एक सर्वेक्षण के अनुसार अधिकतम मधुमेह रोगियों को इस स्थिति की जानकारी नहीं होती और वे अपने पैरों की नियमित जांच भी नहीं कराते।
राज्यपाल ने कहा कि डॉ. कालड़ा छत्तीसगढ़ में कई वर्षों से डायबिटिक फुट के बारे में आम लोगों को जागरूक कर रहे हैं और उनका इलाज कर रहे हैं। मैं इनके लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं। आज मेडिकल साइंस निरंतर उन्नति कर रहा है। चिकित्सा से जुड़ी समस्या के हर पहलू की माइक्रो स्टडी की जा रही है और उनमें शोध किये जा रहे हैं। इसके परिणाम स्वरूप गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज संभव हो पा रहा है। आवश्यकता है लोगों को जागरूकता की। राज्यपाल ने आम जनता से आग्रह करते हुए कहा कि वे जागरूक रहें, किसी भी बीमारी से घबराए नहीं, उसका इलाज कराएं और चिकित्सक के निर्देशों का पालन करें। कोरोना काल में डायबिटिक जैसे बीमारियों से ग्रसित मरीजों को अधिक सावधान रहने की आवश्यकता है। उनके लिए सावधानी ही सुरक्षा है।
इंडियन पोडियाट्री एसोसिएशन राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ए.पी.एस. सूरी ने कहा कि हमारे देश में कई नई तकनीक ईजाद हो गई है जिससे डायबिटिक फुट का इलाज किया जा रहा है। इस चेप्टर के यहां शुभारंभ से छत्तीसगढ़ के गांव-गांव तक इसकी इलाज की सुविधा उपलब्ध हो पाएगी। डॉ. सुनील कालड़ा ने कहा कि अब तक इस चेप्टर का 11 राज्यों में शुभारंभ हो चुका है और यह छत्तीसगढ़ में शुरू हो रहा है। यह चेप्टर निश्चित ही यहां पर मील का पत्थर साबित होगा। इससे डायबिटिक फुट के मरीज अपनी नियमित जांच करा पाएंगे और दवाईयां उपलब्ध हो पाएंगी। डॉ. राका शिवहरे ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस चेप्टर का प्रारंभ करने का उद्देश्य मानव सेवा है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने डॉ. सुनील कालड़ा एवं अन्य चिकित्सकों का सम्मान किया। संस्था ने भी राज्यपाल का सम्मान किया। कार्यक्रम में डॉ. आनंद कुमार सुरी, डॉ. अनिल कुमार वर्मा, डॉ. उदय कुमार, डॉ. केतन शाह और देश-विदेश के चिकित्सक शामिल हुए।