सवा करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी भोरमदेव मंदिर में गर्भ गृह के साथ तीनो द्वारों में हो रहा जल रिसाव…

कवर्धा – श्रावण मास प्रारंभ होने के एक दिन पूर्व से कवर्धा सहित समूचे अंचल में रूक रूककर हो रही हल्की तेज बारिश ने जहां सभी नदी नालों को पानी से लबालब कर दिया है वहीं लगातार हो रही बारिश से आम जनजीवन भी प्रभावित नजर आ रहा है। बारिश की मार से अंचल का प्रसिद्ध पर्यटन एवं धार्मिक आस्था का केन्द्र भोरमदेव मंदिर भी अछूता नहीं रह गया है। बताया जा रहा है कि मंदिर के भीतरी भाग में एक बार फिर बारिश का पानी रिस रहा है। जिससे मंदिर में अव्यवस्था की स्थिति उत्पन्न हो रही है और मंदिर के सेवादारों को मंदिर में जलभराव को रोकने के लिए खासी मसक्कत करनी पड़ रही है। यहां बताना लाजिमी होगा कि करीब दो वर्ष पूर्व वर्ष 2022 में भी भोरमदेव मंदिर में जल रिसाव की शिकायत सामने आई थी जिसे मंदिर के अस्तित्व के लिए खतरा बताकर मामले की शिकायत जिला प्रशासन से की गई थी।

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मंदिर समिति की इस शिकायत के बाद जिले के आला प्रशासनिक अधिकारियों ने मंदिर का मौका मुआयना किया था और रिपोर्ट पुरातत्व विभाग को दी गई थी। जिसके बाद पुरातत्व विभाग की टीम ने भोरमदेव मंदिर पहुंचकर सूक्ष्म सर्वे किया था और कहा गया था कि मंदिर की ऊपरी सतह में जमी काई में जमा बारिश का पानी नीचे तथा गर्भ गृह में रिस रहा है। बताया तो ये भी जाता है कि मंदिर में हो रहे इस जल रिसाव को रोकने के लिए प्रशासन तथा पुरातत्व विभाग ने अभी साल भर पहले ही वर्ष 2023 में करीब सवा करोड़ की राशि खर्च की थी।

लेकिन प्रशासन तथा पुरातत्व विभाग द्वारा की गई इस कार्यवाही और भारी भरकम राशि खर्च करने के बाद एक बार फिर मंदिर में जल रिसाव की समस्या सामने खड़ी हो गई है। जो कई सवाल खड़े कर रही है। पहला सवाल तो यही खड़ा किया जा रहा है कि प्रशासन तथा परातत्व विभाग ने आखिर जल रिसाव रोकने के लिए कौन सा और कैसा मरम्मत कार्य किया है। इसके अलावा सवाल यह भी खड़ा किया जा रहा है कि आखिर सवा करोड़ रूप की राशि कहां खर्च की गई है।