6.48 लाख यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया गया
यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जा रहा है
उन राज्यों की सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा ट्रेनें चलाई जा रही हैं जो यात्रियों को भेज रहे हैं और राज्य उन्हें अपने यहां ले रहे हैं
एक दूसरे से दूरी बनाकर रखी जा रही है
पलायन करके दूसरे राज्यों में गए श्रमिकों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों, छात्रों और विभिन्न स्थानों पर फंसे अन्य व्यक्तियों की स्पेशल ट्रेनों से आवाजाही के संबंध में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद, भारतीय रेलवे ने “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाने का निर्णय लिया था।
12 मई 2020 तक, देश भर के विभिन्न राज्यों से कुल 542 “श्रमिक स्पेशल” ट्रेनें चलाई गई, जिसमें से 448 ट्रेनें अपने गंतव्य तक पहुंच गई और 94 ट्रेनें मार्ग में हैं।
इन 448 ट्रेनों को विभिन्न राज्यों आंध्र प्रदेश (1 ट्रेन), बिहार (117 ट्रेन), छत्तीसगढ़ (1 ट्रेन), हिमाचल प्रदेश (1 ट्रेन), झारखंड (27 ट्रेन), कर्नाटक (1 ट्रेन), मध्य प्रदेश (38 ट्रेनें), महाराष्ट्र (3 ट्रेनें), ओडिशा (29 ट्रेनें), राजस्थान (4 ट्रेनें), तमिलनाडु (1 ट्रेन), तेलंगाना (2 ट्रेनें), उत्तर प्रदेश (221 ट्रेनें), पश्चिम बंगाल (2 ट्रेनें) में खत्म कर दिया गया।
इन ट्रेनों ने पलायन करके आए श्रमिकों को तिरुचिरापल्ली, तीतलागढ़, बरौनी, खंडवा, जगन्नाथपुर, खुर्दा रोड, प्रयागराज, छपरा, बलिया, गया, पूर्णिया, वाराणसी, दरभंगा, गोरखपुर, लखनऊ, जौनपुर, हटिया, बस्ती, कटिहार, दानापुर, मुजफ्फरपुर, सहरसा जैसे शहरों में पहुंचाया।
इन श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में चढ़ने से पहले यात्रियों की उचित जांच सुनिश्चित की जाती है। यात्रा के दौरान यात्रियों को मुफ्त भोजन और पानी दिया जाता है।