राजनांदगांव जिला पुलिस बल द्वारा शहर के पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में तनाव प्रबंधन व लिंग समानता संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक सहित मनोरोग विशेषज्ञ भी शामिल हुए।
आधुनिकता के इस दौर में संसाधनों के बढ़ने के साथ ही तनाव भी बड़ा है। हाईटेक तरीके से घटित हो रहा अपराधों और उसी हाईटेक तरीके से अपराधियों को पकड़ने में अपना पूरा जोर लगाने वाले पुलिस के अधिकारी कर्मचारी अक्सर कार्य की व्यस्तता के बीच परिवार को समय नहीं दे पाते हैं, जिससे वे तनाव में दिखाई देते हैं। इसी तनाव को कम करने के लिए जिला पुलिस बल राजनांदगांव द्वारा शहर के पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर ऑडिटोरियम में तनाव प्रबंधन व लिंग समानता संवेदीकरण विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
इस कार्यशाला में दुर्ग से आए मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. प्रमोद गुप्ता ने व्याख्यान दिया और तनाव को दूर करने के कुछ गुर भी बताए। वहीं इस कार्यशाला में पहुंचे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विवेकानंद सिन्हा ने कहा कि इस कार्यशाला से पुलिस के महिला और पुरुष कर्मचारियों को अपने कार्यों को और कुशलता से करने में मदद मिलेगी।
पुलिस अधिकारी कर्मचारियों के लिए आयोजित इस एक दिवसीय कार्यशाला में बताया गया कि तनाव की वजह से कई बार बीमारियों का सामना भी करना पड़ता है, कार्यशाला में मनोरोग विशेषज्ञ ने तनाव को लेकर कई पहलुओं पर चर्चा की, वहीं लिंग समानता संवेदीकरण के तहत कार्यशाला में महिलाओं के साथ घटित अपराधों की शिकायत को लेकर किस तरह से काम किया जाना चाहिए यह भी कार्यशाला में पुलिस के उच्चाधिकारियों द्वारा बताया गया। एक दिवसीय कार्यशाला से पुलिस के अधिकारी कर्मचारियों में बेहतर संदेश का संचार हुआ है, जिसका फायदा उनके कार्यस्थल पर देखने को मिल सकता है और कुछ हद तक अपने तनाव को कम करने के लिए यहां दिए गए उपाय भी काम कर सकते हैं।