राजनीति में आने से पहले रमन सिंह एक आयुर्वेदिक डॉक्टर हुआ करते थे। चूंकि, उन्होंने अपने गृह नगर में अच्छे और अनुभवी डॉक्टरों की कमी देखी थी, इसलिए वह चिकित्सा के क्षेत्र में करियर बढ़ाने के लिए आगे बढ़े। स्नातक होने के बाद, उन्होंने ग्रामीण क्षेत्र में रहने और अभ्यास करने को प्राथमिकता दी। उस समय वह नाम मात्र शुल्क लिया करते थे। यहां तक कि गरीबों का मुफ्त में इलाज करते थे। जिसके चलते स्थानीय लोगों द्वारा उन्हें प्यार से ‘गरीबों का डॉक्टर’ के नाम से पुकारा जाने लगा। डॉक्टर रमन एक धार्मिक व्यक्तित्व वाले व्यक्ति हैं। जिसके चलते उन्हें धार्मिक ग्रंथों का अध्ययन और गहन चिंतन करना बहुत पसंद है।
वर्ष 1976-1977 में, वह भारतीय जनसंघ में युवा सदस्य के रूप में शामिल हुए। जिसके परिणामस्वरूप, उन्होंने कवर्धा युवा विंग के अध्यक्ष के रूप में कार्य करना शुरू किया। वर्ष 1999 से 2003 तक, रमन ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के अंतर्गत वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
वर्ष 2005 में, सालवा जुडूम पहल के तहत रमन सिंह ने माओवादी संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की पहल की, जिसे विपक्ष ने भी समर्थन दिया था।
अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की स्थितियों में सुधार के लिए भरपूर योगदान देने के लिए रमन को काफी प्रशंसा मिली। यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए किए गए, कार्यों को मान्यता भी मिली।
राजनीतिक यात्रा
- वर्ष 1976 में, वह भारतीय जनसंघ में शामिल हुए।
- वर्ष 1990 में, वह छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुने गए।
- वर्ष 1993 में, उन्हें पुनः छत्तीसगढ़ विधानसभा के लिए चुना गया।
- वर्ष 1999 में, उन्हें छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव निर्वाचन क्षेत्र से 13 वीं लोकसभा के लिए चुना गया।
- वर्ष 1999 से वर्ष 2003 तक, उन्होंने केंद्र में वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री के रूप में कार्य किया।
- वर्ष 2003 में, वह छत्तीसगढ़ राज्य की भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष बने।
- वर्ष 2003 में, वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने।
- वर्ष 2008 में, वह पुनः छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने।
- वर्ष 2013 में, उन्होंने लगातार तीसरी बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की।
राजनांदगांव सीट से विधायक और प्रदेश के लगातार तीन बार मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह
विधायक डॉ. रमन सिंह गरीबों के डॉक्टर और चाउंर वाले बाबा के नाम से मशहूर रहे हैं। उन्होंने जनसंघ कार्यकर्ता के रूप में अपने राजनीतिक कैरियर की शुरुआत की। वे युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे। पहली बार उन्होंने 1983 में कवर्धा नगरपालिका के पार्षद का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 1989 में वे पहली बार विधायक चुने गए। वे कुल छह बार विधायक रहे हैं। 1999 में राजनांदगांव लोकसभा से सांसद निर्वाचित होकर अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय वाणिज्य उद्योग राज्यमंत्री भी रहे। रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के रूप में पार्टी नेतृत्व किया और 2003 में पहली बार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बने। 2008 में दूसरी व 2013 में तीसरी बार मुख्यमंत्री बने। इस दौरान उन्हें राष्ट्रीय स्तर के कई सम्मान भी मिले। वर्तमान में उन्हें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भाजपा की जवाबदारी सौंपी गई है।
डॉ. रमन सिंह का राजनांदगांव विधानसभा चुनाव 2018 एक नजर
रमन सिंह राजनांदगांव जिले की राजनांदगांव विधानसभा से विधायक चुने गए हैं।
राजनांदगांव विधानसभा अनारक्षित सीट है, जिसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 75 के नाम से जाना जाता है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 197661 है। जिसमें से 155901 (78.87%) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। भाजपा के प्रत्याशी रमन सिंह को 80589 (51.69%) वोट मिले। जबकि कांग्रेस की प्रत्याशी करुणा शुक्ला को 63656 (40.83%) वोट मिले।
विधायक रमन सिंह का जीवन परिचय
पिता का नाम:– स्वर्गीय विघ्न हरण सिंह
जन्मतिथि:– 15 अक्टूबर 1952
जन्म स्थान:– ग्राम ठाठापुर जिला कबीरधाम
विवाह की तिथि:–10 जून 1979
पत्नी का नाम:– वीणा सिंह
पत्नी की जन्मतिथि:– 8 अक्टूबर 1957
संतान:–एक पुत्र, एक पुत्री
शैक्षणिक योग्यता– बीएएमएस
व्यवसाय:–चिकित्सक, कृषि
स्थाई पता:– रमन मेडिकल स्टोर, बाजारपारा, कबीरधाम, छत्तीसगढ़
मोबाइल नंबर:– 94242– 25848
राजधानी रायपुर में स्थानीय पता:– 100 खनिज नगर, मौलश्री विहार कॉलोनी, वीआईपी रोड़, रायपुर छत्तीसगढ़
अभिरुचि:– खेलकूद (विशेष कर क्रिकेट)
पुरस्कार:–सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री 2005 इंडिया टुडे, राष्ट्रीय अस्मिता पुरस्कार 2008
विदेश यात्राएं:–अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, जापान, चीन, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इंग्लैंड,स्विट्जरलैंड, फ्रांस आदि।