Breaking News: पीएम मोदी की बैठक में बड़ा फैसला, सीबीएसई 12वीं बोर्ड परीक्षा रद्द…

CBSE Board 12th Exam 2021: केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एम्स में भर्ती किया गया है। बता दें कि शिक्षा मंत्री, 23 मई को आयोजित हुई उच्च स्तरीय बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ चर्चा और उनसे प्राप्त सुझावों पर विचार करने के पश्चात मंगलवार को सुबह 11 बजे 12वीं बोर्ड परीक्षाओं को लेकर घोषणा करने वाले थे।

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किंतु तबीयत खराब होने की वजह से यह संभव नहीं हो पाया है। हालांकि, शाम साढ़े पांच बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में परीक्षाओं को लेकर चर्चा हुई है। 

बोर्ड परीक्षाओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में अहम फैसला हुआ है । 12वीं को बोर्ड परीक्षा रद्द कर दी गई है। इस बैठक में सीबीएसई के चेयरमैन के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रकाश जावड़ेकर भी मौजूद रहे। पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है।

कोरोना के बीच बच्चों पर तनाव डालना ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि जब परीक्षाएं होंगी तो उसके बारे में अभिभावक को जानकारी दी जाएगी। परीक्षा रद्द करने को लेकर विपक्ष लगातार आवाज उठा रहा था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज भी परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी।

पीएम मोदी ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। कोरोना के बीच बच्चों पर तनाव डालना ठीक नहीं है। बताया जा रहा है कि जब परीक्षाएं होंगी तो उसके बारे में अभिभावक को जानकारी दी जाएगी। परीक्षा रद्द करने को लेकर विपक्ष लगातार आवाज उठा रहा था। दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आज भी परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी।


पीएम ने कहा कि देश भर में कोविड की स्थिति एक गतिशील स्थिति है। जबकि देश में संख्या कम हो रही है और कुछ राज्य प्रभावी सूक्ष्म-नियंत्रण के माध्यम से स्थिति का प्रबंधन कर रहे हैं, कुछ राज्यों ने अभी भी तालाबंदी का विकल्प चुना है। ऐसे में छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर छात्र, अभिभावक और शिक्षक स्वाभाविक रूप से चिंतित हैं।

पीएम ने कहा कि ऐसी तनावपूर्ण स्थिति में छात्रों को परीक्षा में बैठने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। प्रधान मंत्री ने जोर देकर कहा कि हमारे छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा का अत्यधिक महत्व है और इस पहलू पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आज के समय में इस तरह की परीक्षाएं हमारे युवाओं को जोखिम में डालने का कारण नहीं हो सकती हैं।

पीएम ने कहा कि सभी हितधारकों को छात्रों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की जरूरत है। पीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि परिणाम अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के अनुसार निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं।