रायपुर – पंजीकृत अस्पतालों में निशुल्क इलाज की सुविधा देने आयुष्मान कार्ड हर हाथों तक पहुंचाने में स्वास्थ्य विभाग को अब तक सफलता नहीं मिल पाई है राज्य में पौने तीन करोड़ मैं से आधे में ही कार्ड बनवाए हैं राजधानी रायपुर में ही आंकड़ा उत्साहवर्धक नहीं है स्कूल, कॉलेजों में कार्ड बनाने शिविर लगाने के बाद भी रायपुर जिले में 7.46 लाख लोग अभी भी आयुष्मान कार्ड से दूर हैं माना जा रहा है कि परिवार के हर सदस्य के लिए अलग-अलग कार्ड बनाने की अनिवार्यता ने इसे उलझा रखा है यहां यह बताना लाजमी है कि निशुल्क इलाज के पैकेज में 24 सौ बीमारियां शामिल है
राशन कार्ड सहित अन्य दस्तावेज लेकर अस्पताल जाने के झंझट से मुक्ति के लिए आयुष्मान कार्ड की योजना लाई गई है इस योजना के तहत राशन कार्ड में शामिल सभी सदस्यों का अलग-अलग आयुष्मान कार्ड बनाया जाना है रायपुर जिले में राशन कार्ड के डाटा के अनुसार 20.87 लाख लोगों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराना है मगर लंबे प्रयास और कई तरह की कोशिशों के बाद भी अब तक 13.41 लाख लोगों ने यह कार्ड बनवाया है।
और 7.46 लाख लोग इससे दूर हैं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने माना था कि आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाने वालों में ज्यादातर स्कूल कॉलेज से संबंधित छात्र हैं इसके लिए फरवरी के अंतिम सप्ताह से मार्च के पहले सप्ताह तक स्कूल कॉलेजों में शिविर लगाया गया। मगर परीक्षा होने की वजह से विभागीय कोशिश बेकार हो गए। आयुष्मान कार्ड बनाने का काम करोना के पहले से किया जा रहा है मगर शत प्रतिशत लोगों के हाथों में पहुंचने का लक्ष्य अभी तक पूरा नहीं हो पाया है जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत क्रम से 5 लाख तथा 50 लाख तक का उपचार की सुविधा मिलती है।