VISION TIMES : बोलेरो कार की टक्कर, सड़क हादसे में 11 लोगों की मौत…

बालोद, । छत्तीसगढ़ में बुधवार रात भीषण सड़क हादसा हो गया. बालोद में बोलेरो कार ट्रक से टकरा गई. टक्कर इतनी भीषण थी कि कार के परखच्चे उड़ गए और इसमें सवार 11 लोगों की मौत हो गई. इनमें से 10 एक ही परिवार के थे. मरने वालों में एक डेढ़ साल का बच्चा भी शामिल है. ये सभी लोग शादी में शामिल होने जा रहे थे.

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हादसा कांकेर नेशनल हाइवे पर जगतरा के पास हुआ. बताया जा रहा है कि परिवार धमतरी के सोरम गांव से बोलेरो में सवार होकर शादी में के लिए शामिल होने के मरकाटोला जा रहा था. लेकिन बीच में ही एक्सीडेंट हो गया. हादसे में मरने वालों में दो बच्चे और 5 महिलाएं भी शामिल हैं.

पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि बुधवार रात ये हादसा हुआ. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हुई है. ये सभी लोग शादी में शामिल होने के लिए मरकाटोला जा रहे थे. टक्कर इतनी तेज थी कि 10 लोगों की मौत पर ही मौत हो गई. जबकि एक की अस्पताल के जाते वक्त जान चली गई. उन्होंने बताया कि सभी के शवों को अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. इस हादसे में धरमराज साहू (55) का पूरा परिवार खत्म हो गया है.

धरमराज का साइकिल स्टोर और किराना की दुकान है. जबकि उनका बड़ा बेटा 34 वर्षीय केशव साहू था, जो पान की गुमटी चलाता था. इनके अलावा धरमराज के दो बेटे जो आईटीआई में पढ़ रहे थे उनके नाम शैलेंद्र (22) और रमा (20) थे, इनकी भी एक्सीडेंट में मौत हो चुकी है. धरमराज का बड़ा बेटा राहुल और मंझला बेटा अतुल बच गए हैं. इस घर की सभी महिलाएं खेती और घर के काम करती थी.

धरमराज के छोटे भाई अर्जुन साहू का पूरा परिवार इस हादसे में खत्म हो गया है. धरमराज की मां 70 वर्षीय सूरजबाई घर में रह गई हैं. अब उनके सामने भविष्य की चिंता है क्योंकि घर चलाने वाला बड़ा बेटा हादसे में चल बसा, जबकि छोटे बेटे की मौत सालों पहले हो चुकी है. इसके अलावा डेढ़ साल के ईशान और तीन साल के योग्यांश जो आंगनबाड़ी में पढ़ने जाते थे, उनकी भी मौत हो गई है.

बालोद जिले के गुरूर में सभी शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद गुरूवार दोपहर 1 बजे उन्हें गृहग्राम धमतरी जिले के सोरम (रूद्री थाना क्षेत्र) लाया गया। यहां गांव के रंगमंच पर सभी शवों को अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। इसके बाद शवों को अंतिम संस्कार के लिए शांति घाट ले जाया गया। यहां 5 चिताएं बनाई गई थीं, जिसमें 11 शवों को अग्नि दी गई। पति-पत्नी और बच्चों के शव एक ही चिता पर जलाए गए। इस हादसे में 15 सदस्यों के परिवार में से केवल 10 लोग ही जिंदा बचे हैं।

शादी समारोह में शामिल होने के लिए परिवार के मुखिया धरमराज साहू (55 वर्ष), उनकी पत्नी ऊषा साहू (52 वर्ष), इनके बेटे-बहू केशव साहू (34 वर्ष), टोमिन साहू (33 वर्ष), दूसरे बेटे राहुल की बहू संध्या साहू (24 वर्ष), राहुल और संध्या के दोनों बेटे योग्यांश साहू (3 वर्ष),

ईशान साहू (डेढ़ वर्ष), धरमराज साहू के भाई की पत्नी लक्ष्मी साहू (45 वर्ष), उसका बेटा शैलेंद्र साहू (22 वर्ष), बेटी रमा साहू (20 वर्ष) की मौत हो गई। परिवार के 10 सदस्यों के अलावा ड्राइवर टामेश ध्रुव की भी सड़क हादसे में जान चली गई। इधर 11 चिताओं को देख गांववालों की आंखें भी भर आईं। बच गए बेटे राहुल और अनूप के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। अंतिम संस्कार के लिए 5 चिताएं बनाई गई थीं।

एक चिता पर केशव और टोमिन, दूसरी चिता पर संध्या और उसके दोनों बेटे योग्यांश और ईशान, तीसरी चिता पर धरमराज साहू और उनकी पत्नी ऊषा साहू, चौथी चिता पर केशव की चाची लक्ष्मी और उनके दोनों बच्चे शैलेंद्र और रमा और पांचवीं चिता पर ड्राइवर टामेश ध्रुव को अग्नि दी गई। मृतकों को अंतिम विदाई देने के लिए संजारी बालोद की विधायक संगीता सिन्हा, धमतरी विधायक रंजना साहू, एसडीएम डॉ विभोर अग्रवाल, पुलिस और साहू समाज के पदाधिकारी और कांग्रेस-बीजेपी के नेता पहुंचे।