रायपुर। ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम अब आय से अधिक संपत्ति, आर्थिक अनियमिताओं, भ्रष्टाचार और रिश्वत के साथ ही जुआ के प्रकरणों की जांच करेगी। राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करते हुए इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी किया है। साथ ही अधिसूचना जारी करते हुए राजपत्र में इसका प्रकाशन किया गया है। इसमें छ्त्तीसगढ़ जुआ एक्ट अधिनियम 2022 की सभी धाराओं में तहत जांच एवं गिरफ्तारी करने का अधिकार दिया है। इसके जारी होने के बाद ईओडब्ल्यू और एसीबी के अधिकार क्षेत्र में इजाफा होगा।
नई जिम्मेदारी मिलने के बाद दोनों जांच एजेंसी छापेमारी करने सट्टा प्रकरण में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर सकेगी। बता दें कि राज्य पुलिस जुआ के प्रकरणों की जांच करती थी। ईओडब्ल्यू द्वारा महादेव सट्टा प्रकरण में एफआईआर करने के बाद विभाग की ओर से प्रस्ताव भेजा गया था। इसकी स्वीकृति मिलने के बाद 19 जुलाई को विशेष न्यायाधीश की अदालत में महादेव सट्टा प्रकरण में पेश की गई चार्जशीट में इसे शामिल किया गया। इसका अधिकार मिलने के बाद राज्य पुलिस के साथ ही ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम भी जुआ के प्रकरणों की जांच और छापेमारी कर सकेगी।
सटोरियों के साथ जुआ खिलाने वालों पर शिकंजा
ईओडब्ल्यू द्वारा महादेव सट्टा संचालन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद 10 लोगों को गिरफ्तार किया। लेकिन इससे जुडे़ लोगों के खिलाफ सीधे तौर पर कार्रवाई नहीं कर पा रही थी। इसे देखते हुए महादेव सट्टा में चालान पेश करने के पहले राज्य सरकार के स्वीकृति मांगी गई थी। बता दें कि ईओडब्ल्यू और एसीबी राज्य पुलिस का हिस्सा नहीं है। यह यूनिट सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन काम करती है। इसके चलते जांच एजेंसी एजेंसी पुलिस अधिनियम से तहत अधिकारों का प्रयोग नहीं कर पा रही थी।