कांकेर अतिसंवेदनशील एवं घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों मंे सड़कों के निर्माण के साथ ही नवीन सड़कों के निर्माण को गति प्रदान किया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को बारहमासी आवागमन की सुविधा उपलब्ध हो रही है, इसके साथ ही अन्य विकास कार्याें में भी तेजी आएगी। शासन के निर्देशानुसार नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नवीन मार्गों का निर्माण कर पहुंचविहीन बसाहटों को बारहमासी पक्की सड़कों से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है।
कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर, दुर्गूकोंदल एवं कोयलीबेड़ा विकासखण्ड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत सड़कों का निर्माण कर पहुंचविहीन बसाहटों को मुख्य मार्ग से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। सड़कों के निर्माण के साथ ही वृहद पुलों का निर्माण और पूर्ण सड़कों का संधारण भी कराया जा रहा है। वर्ष 2000 से अब तक 242 नवीन सड़कें और 13 नवीन वृहद पुलों का निर्माण कार्य स्वीकृत किये गये हैं।
भानुप्रतापपुर विकासखण्ड अंतर्गत 332.02 किलोमीटर लंबाई के 66 सड़कें, दुर्गूकांेदल विकासखण्ड में 257.81 किलोमीटर लंबाई के 58 सड़कें और कोयलीबेड़ा विकासखण्ड में 584.24 किलोमीटर लंबाई के 118 सड़कें स्वीकृत किया गया है। इसी प्रकार भानुप्रतापुर विकासखण्ड में 06 वृहद पुल और दुर्गूकोंदल विकासखण्ड में 07 वृहद पुलों का निर्माण स्वीकृत किये गये हैं।
अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र विकासखण्ड कोयलीबेड़ा में स्वीकृत 584.24 किलोमीटर लंबाई के 118 सड़कांे से 161 बसाहटों को जोड़ने का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसमें से 331.26 किलोमीटर लंबाई के 77 सड़कों का निर्माण कार्य पूरा किया जाकर 139 बसाहटों को जोड़ा गया है। इन सड़कों के निर्माण कार्य के समय कई कठिनाईयों का सामना भी करना पड़ा, कई बार वाहनों को आग लगा दी गई, इसके बाद भी निर्माण कार्य पूरा किया गया।
सड़कों के निर्माण से पहुंचविहीन ग्राम कोदासाल्हेभाट, मांझीपारा, सलिहापारा अब मुख्यमार्गों से जुड़ चुके हंै। इसी प्रकार कोयलीबेड़ा-प्रतापपुर रोड से पोरोण्डी मार्ग का निर्माण होने से डोंगरीपारा, खुटगांव, स्कूलपारा जैसे पहुंचविहीन गांव भी जुड़ गये हैं। वर्तमान में अतिसंवेदनशील क्षेत्र कोयलीबेड़ा में सड़कों का निर्माण कार्य प्रगति पर है।