छत्तीसगढ़ की मांग एवं गठन का इतिहास

1 1854 – अंग्रेजी राज्य की स्थापना
ब्रिटिश छत्तीसगढ़ का प्रथम कमिश्नर- चार्ल्स. सी. इलियट

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     सहायक कमिश्नर- गोपाल राव आनंद
   अतिरिक्त कमिश्नर- मोहेबुल हसन
   नागपुर राज्य की प्रथम कमिश्नर - मि .मेसल

ब्रिटिश शासन के अंतर्गत छत्तीसगढ़ को एक जिले का दर्जा दिया गया जिसका प्रमुख अधिकारी कमिश्नर होता था तथा प्रशासन में सहयोग के लिए
1 सहायक कमिश्नर और अतिरिक्त कमीशन होता है

         छत्तीसगढ़ जिले में 3 तहसीलों का निर्माण किया गया
                  1 रायपुर 2 धमतरी 3 रतनपुर 

2 1857 -तहसीलों का पुनर्गठन
रायपुर, धमतरी, रतनपुर के अलावा धमधा और नवागढ़ को तहसील का दर्जा दिया गया

 दूसरी पुनर्गठन में धमधा के स्थान पर दुर्ग को नया तहसील   बनाएं तहसीलों की संख्या-05

3 1861- मध्य प्रांत का गठन
2 नवंबर 1861 में मध्य प्रांत का गठन किया गया और इसका मुख्यालय नागपुर को बनाया गया
4 1862- छत्तीसगढ़ को स्वतंत्र संभाग
जिसका मुख्यालय रायपुर को बनाया गया
इसी समय रायपुर, बिलासपुर और संबलपुर को जिले का दर्जा दिया गया
इसी समय संबलपुर को रायपुर में मिला लिया गया
5 1905- प्रशासनिक परिवर्तन

 संबलपुर जिले को बंगाल प्रांत में मिला दिया गया
छोटानागपुर के 5 जिले मध्य प्रांत में शामिल किए गए
 1 चांग बखार 2 कोरिया 3 सरगुजा 4 उदयपुर 5 जसपुर 
 छत्तीसगढ़ का पृथक मानचित्र कर निर्धारण किया गया
                          1905 में 3 नए जिले 
                         रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग
                              छत्तीसगढ़ के गठन की मांग

1 1918 – पंडित सुंदरलाल शर्मा ने पांडुलिपि में छत्तीसगढ़ का मानचित्र बनाया
छत्तीसगढ़ का प्रथम स्वप्नदृष्टा पंडित सुंदरलाल शर्मा को ही कहा जाता है
2 1924 – राजनीतिक जिला परिषद में पृथक छत्तीसगढ़ की मांग की गई
3 1939 – त्रिपुरी अधिवेशन
पंडित सुंदरलाल शर्मा ने पृथक छत्तीसगढ़ की मांग 
4 1946 – ठाकुर प्यारेलाल सिंह के द्वारा छत्तीसगढ़ शासन विरोधी मंच की स्थापना की
छत्तीसगढ़ का पहला संगठन
5 1948- रायगढ़ , बस्तर जिले का गठन किया है
6 1953-भाषावार प्रांतों के गठन के लिए फैजल अली आयोग मनाया गया
इस आयोग के समक्ष छत्तीसगढ़ राज्य हेतु
7 1955 – रायपुर विधानसभा में ठाकुर रामकृष्ण द्वारा अनौपचारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया

8 1956- डॉ खूबचंद बघेल के द्वारा छत्तीसगढ़ महासभा का गठन
अध्यक्ष- खूबचंद बघेल महासचिव- दशरथ चौबे
सरगुजा जिले का गठन
9 1967 – डॉ खूबचंद बघेल द्वारा छत्तीसगढ़ भातृसंघ की स्थापना की थी
इस सम्मेलन में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य की मांग की
 
10 1972-73-भोपाल और राजनंदगांव जिलों का गठन
11 1976-शंकर गुहा नियोगी के द्वारा छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा का गठन किया गया
 
12 1983- शंकर गुहा नियोगी के द्वारा छत्तीसगढ़ संग्राम मंच का गठन किया गया
राजिम के संत कवि पवन दीवान द्वारा छत्तीसगढ़ पार्टी की स्थापना की गई
13 1990-छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण  मंच- चंदूलाल चंद्राकर 
14 1993- रविंद्र नाथ चौबे द्वारा मध्य प्रदेश विधानसभा में शासकीय प्रस्ताव पेश किया गया 
15 1994- गोपाल परमार ने मध्यप्रदेश विधानसभा में अशासकीय संकल्प प्रत्येक प्रस्ताव प्रस्तुत किया और इसे सर्वसम्मति से पारित किया गया
16 1995- 22 जनवरी 1995 को हटरी रायपुर में छत्तीसगढ़ अस्मिता संस्थान की स्थापना की गई छत्तीसगढ़  फौज के संस्थापक  आनंद कुमार द्वारा धरना प्रदर्शन

17 1998- 1 मई को राष्ट्रपति का अभिभाषण
1 सितंबर राज्य विधानसभा में पृथक राज्य का प्रस्ताव पारित
18 2000 -25जुलाई को लालकृष्ण आडवाणी द्वारा लोकसभा में प्रस्तुत
31 जुलाई को लोकसभा में प्रस्ताव पारित
3 अगस्त को राज्य सभा में प्रस्ताव पेश किया गया
9 अगस्त को राज्य सभा में प्रस्ताव पारित
25 अगस्त राष्ट्रपति के हस्ताक्षर

1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ 26 राज्य के रूप में अस्तित्व में आया

1 जांजगीर चांपा और कोरबा( बिलासपुर से)
2 धमतरी और महासमुंद( रायपुर से)
3 रायगढ़( जसपुर से)
4 कोरिया( सरगुजा से)
5 कवर्धा( राजनांदगांव और बिलासपुर से)
6 कांकेर और दंतेवाड़ा(बस्तर से)
मध्य प्रदेश की 16 जिले मिलकर छत्तीसगढ़ अस्तित्व में आया

19 2007- बस्तर से नारायणपुर और दंतेवाड़ा से बीजापुर जिले के रूप मैं अस्तित्व में आए
20 2012- बिलासपुर से मुंगेली ,रायपुर से गरियाबंद और बलौदा बाजार , दुर्ग से बालोद और बेमेतरा
सरगुजा से सूरजपुर और बलरामपुर, बस्तर से कोंडागांव, दंतेवाड़ा से सुकमा अलग कर 9 जिले
अस्तित्व में है
21 2019 बिलासपुर से गौरेला पेंड्रा मरवाही

            जिलों की संख्या-28 संभाग-05