दंतेवाड़ा- नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में पहली बार सरेंडर करने वाले नक्सलियों को कलेक्टर श्री दीपक सोनी के निर्देश से जिला प्रशासन द्वारा रोजगार के कई अवसर प्रदान किये जा रहे हैं।आत्मसमर्पित नक्सलियों का समूह बना कर उन्हें आजीविका से जोड़ा जा रहा है साथ ही इनका आधार कार्ड,जॉब कार्ड बनाया जा रहा है।
जिससे उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ दिया जा सके।जो व्यक्ति मुर्गी पालन, बकरी पालन करना चाह रही है, उन्हें शेड निर्माण कर पालन के लिए चूजे और बकरी दिए जा रहे हैं।जो समूह खेती करेगा। साथ में यह समूह दूसरे किसानों को किराए पर ट्रैक्टर भी देगा। दरअसल, पत्नी के साथ सरेंडर करने वाले दो लाख के इनामी नक्सली श्री प्रकाश करताम उर्फ पांडू की मांग पर जिला प्रशासन ने उसे ट्रैक्टर दिया है।
आठ जुलाई को सरेंडर करने वाले श्री प्रकाश ने इसकी मांग की थी। ट्रैक्टर मिलने से पहले 10 दिन के अंदर श्री प्रकाश के गांव बड़ेगुडरा के आत्मसमर्पित नक्सलियों का स्वयं सहायता समूह ‘जय लय्योर जय कम्माई’ यानी ‘नौजवान अब खेती करेंगे’ समूह बनाया गया। इसमें गांव के ही 10 सरेंडर करने वाले नक्सलियों को जोड़ा गया है।
हरेली तिहार के दिन यानी 20 जुलाई को इस समूह को जिला प्रशासन ने ट्रैक्टर की चाबी सौंपी थी। कलेक्टर श्री दीपक सोनी ने कहा कि सरेंडर करने वाले नक्सलियों का यह पहला समूह है। ये लोग ट्रैक्टर से खेती और उसे किराए पर देकर रोजगार कमाएंगे। सरेंडर नक्सलियों का समूह बनाकर ट्रैक्टर उपलब्ध कराने वाला दंतेवाड़ा प्रदेश का पहला जिला है।
एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि चिकपाल और पोटाली इलाके के सरेंडर करने वाले नक्सलियों का भी ग्रुप बनेगा। जिन्हें 15 अगस्त के दिन ट्रैक्टर दिया जाएगा ताकि वे खेती कर खुशहाल जीवन बिताएं। गौरतलब जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की चलाई जा रही कई प्रकार की मुहिमों से अब नक्सली आत्मसमर्पण करके समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाह रहे हैं। पुलिस प्रशासन की लोन वर्राटू से अब तक लगभग 67 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।जिनमें से कई 1 से 5 लाख रु तक के ईनामी नक्सली थे।