
दुर्ग, भारती विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों एवं विभागों द्वारा विभिन्न प्रासंगिक विषयों पर वेबीनार का आयोजन किया जा रहा है, इसी तारतम्य में विधि संकाय द्वारा कृत्रिम बुद्धिमत्ता तथा बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता डॉ. देवमिता मंडल, सहायक प्राध्यापक, हिदायतुल्लाह राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, रायपुर ने वेबीनार में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते प्रभाव तथा बौद्धिक संपदा अधिकारों के कानूनी और नैतिक पहलुओं पर विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की बढ़ती मांग समाज में किस प्रकार के सकारात्मक एवं नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है, यह विमर्श का केंद्र बिन्दु रहा। वेबीनार का संयोजन डॉ. निमिषा मिश्रा द्वारा किया गया।
इसी तारतम्य में समाज कार्य विभाग द्वारा आत्महत्या रोकथाम तथा मानसिक स्वास्थ्य विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञ डॉ. आनंद गौड़, सह-प्राध्यापक, इंदौर स्कूल आफ सोशल वर्क ने युवाओं में आत्महत्या के बढ़ते मामलों तथा मानसिक रोगों एवं अवसाद के बढ़ते स्तर पर विश्लेषणात्मक निदान प्रस्तुत किए। वक्ता ने सकारात्मक पारिवारिक वातावरण तथा सामाजिक सौहार्द द्वारा अवसाद, मानसिक रोगों एवं आत्महत्या जैसी गंभीर समस्या की दर में कमी के प्रति आशान्वित किया। विदित हो कि विश्व में भारत में युवाओं की आत्महत्या की दर सर्वाधिक है। यह भारतीय समाज के समक्ष ज्वलंत विभीषिका है। वेबीनार का संयोजन डॉ. निशा गोस्वामी द्वारा किया गया।
अर्थशास्त्र विभाग द्वारा भारत में मुद्रास्फीति की रणनीतिक समझ विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया, जिसमें विषय विशेषज्ञ डॉ. मोहम्मद जुलकार नैन, सहायक प्राध्यापक, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी द्वारा उक्त विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गई तथा वक्ता ने मुद्रास्फीति के कारण, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा रोजगार की समस्याएं, सीमांत उपभोग प्रवृत्ति जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं को स्पष्ट किया। वेबीनार का संयोजन डॉ. नीना सिंह द्वारा किया गया। वेबीनार श्रृंखला का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.) बी. एन. तिवारी के मार्गदर्शन में किया जा रहा है। वेबीनार श्रृंखला से बड़ी संख्या में विभिन्न महाविद्यालयों के विद्यार्थी एवं प्राध्यापक लाभान्वित हुए।