राजनांदगांव। अपनी प्यास बुझाने एक चीतल गुरुवार शाम को जंगल से भटक कर गुंडरदेही गांव तक आ पहुंचा। आवारा कुत्तों ने चीतल को दौड़ाया इस दौरान चीतल घायल होकर एक घर में जा घुसा तभी गांव वालो ने वन विभाग को इसकी सुचना दी। वन कर्मचारियों ने काफी मशक्कत के बाद चीलत को पकड़ कर कब्जें में लिया और उसका इलाज किया।
वन विभाग के अफसर एवं कर्मचारी चीतल को अपने कब्जे में लेने गांव पहुंचे थे। काफी देर की मशक्कत और ग्रामीणों की सहायता से चीतल को वन अमले द्वारा पकड़ा जा सका है। तेज धूप और भीषण गर्मी के बीच प्यासे जंगली जीव जंतु वन्य प्राणी अपनी प्यास बुझाने गांवों का रुख करने लगे है। इसके पहले भी इसी तरह के कई मामले सामने आ चुके थे। जिसमें आवारा कुत्तों के दौड़ाने एवं काट लेने की वजह से कुछ जीव जंतुओं की मौतें भी हुई है। चीतल को देखने वहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों का उपस्थिति बनी रही।
कुत्तों ने किया शिकार का प्रयास
इसी दौरान कुत्तों ने चीतल को घायल भी कर दिया। गांव के आवारा कुत्तों ने इस चीतल को पहले खुब दौड़ाया। चीतल के गर्द में कुछ चोट के निशान मिले। वन अमले द्वारा चीतल का इलाज किया गया और उसकी प्यास बुझाई। वन अमले द्वारा इस चीतल को अपने कब्जें में लिया गया है जिसे वापस सुरक्षित रुप से जंगल में छोड़ा जाएगा।
प्यास बुझाने पहुंचा चीतल
चीतल भी पानी की तलाश में जंगल से भटकते हुए इस गांव में आ पहुंचा था। गर्मी बढ़ते ही जंगली जीव जंतु वन्य प्राणियों के सामने चारे एवं पानी का संकट भी खड़ा होता है। जिसकी तलाश में वह खासकर गर्मी के दिनों में बस्ती एवं आबादी वाले इलाकों में पहुंचते है। पहले भी मनगटा क्षेत्र से हिरण प्यास बुझाने शहर तक पहुंचते रहें है।