महिला एवं बाल विकास विभाग के सक्रियता से रूका बाल विवाह

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महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियो को सूचना मिली थी कि ग्राम सुखाताल विकासखंड कवर्धा एक नबालिक बालक का विवाह का आयोजन किया जा रहा है। इस पर विभाग द्वारा सक्रियता दिखाते हुए नाबालिक जोड़ो का विवाह तत्काल रूकवाने के बाल विवाह रोकथाम दल बनाकर विवाह स्थल पहुंचे जहां पर बालक का शैक्षणिक प्रमाण पत्र एवं आयु संबंधी प्रमाण पत्र का अवलोकन किया गया जिसमें बालक का उम्र विवाह योग्य नही था जिससे बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी द्वारा तत्काल विवाह स्थगित कराया, जिसमें नाबालिक बालक के माता पिता द्वारा सहमति दिया गया।
  जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री सत्यनारायण राठौर ने  नाबालिक बालक के साथ उसके माता-पिता एवं परिवारजनों को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनिमय 2006 के प्रावधानों की विस्तृत जानकारी देते हुये बाल विवाह से होने वाले हानियों और बुरे प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया। बालक के विवाह योग्य उम्र होने पर ही विवाह कराने कहा गया जिससे बालक के मानसिक एवं शारीरिक स्थिति पर बुरा प्रभाव नहीं हो साथ ही यह भी बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाओ के लिये सामाजिक दूरी मास्क का उपयोग हैण्डवास एवं सभी सुरक्षा उपायों का पालन करना अतिआवश्यक है।
  उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा बाल विवाह की रोकथाम हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनिमय 2006 के अनुसार 21 वर्ष से कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लडकी के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है। यदि 21 वर्ष से कम आयु का पुरूष एवं 18 वर्ष से कम आयु की किसी बालिका का विवाह करता है, तो उसे 02 वर्ष तक के कठोर कारावास तथा जुर्माना जो कि एक लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है।
  बाल विवाह रोकथाम के दौरान मौके पर श्री सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्रीमती विवेका हैरिस बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी श्री राजाराम चन्द्रवंशी संरक्षण अधिकारी (गैर- संस्थागत), श्रीमती नितीन किशोरी वर्मा, श्रीमति श्यामा धुर्वे, आउटरीच वर्कर महिला एवं बाल विकास विभाग ज्योति मरकाम प्रधान आरक्षक पुलिस विभाग (महिला सेल) उपस्थित थे।

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