राजनांदगांव : कृषि वैज्ञानिक दल ने किया कृषि विज्ञान केन्द्र राजनांदगांव की तिलहन फसल प्रदर्शन का निरीक्षण…

राजनांदगांव 07 अक्टूबर 2024। इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगाँव द्वारा कुलपति इंदिरा गाँधी कृषि वि.वि. रायपुर डॉ. गिरीश चंदेल एवं जोनल प्रोजेक्ट डायरेक्टर अटारी जबलपुर डॉ. एसआर के सिंह के सफल संरक्षण व निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ. एसएस टूटेजा के निर्देशानुसार एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गुंजन झा के मार्गदर्शन में तिलहन फसलों की उन्नत किस्मों एवं उन्नत फसल उत्पादन तकनीक को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सामूहिक अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन एवं आदर्श तिलहन ग्राम परियोजना के तहत चयनित राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम खपरीकला एवं खैरागढ़ विकासखंड खैरागढ़ जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई ग्राम मदराकुही में 300 एकड़ क्षेत्र में सोयाबीन फसल प्रदर्शन लगाया गया है। फसल प्रदर्शन के निरीक्षण व अवलोकनार्थ निदेशक विस्तार सेवाएं इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर द्वारा तीन सदस्य सहित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जबलपुर से एक वैज्ञानिक का निरीक्षण दल गठित किया गया था।

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निरीक्षण दल में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर से डॉ. डीपी पटेल, डॉ. मनोज चंद्राकर एवं डॉ. द्विवेदी प्रसाद व भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद अटारी जबलपुर से डॉ. रंजीत सिंह थे। निरीक्षण दल द्वारा 5 अक्टूबर को प्रदर्शन सामूहिक अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन एवं आदर्श तिलहन ग्राम परियोजना के तहत चयनित ग्राम मदराकुही विकासखंड खैरागढ़ जिला खैरागढ़-छुईखदान- गंडई) एवं ग्राम खपरीकला राजनांदगाँव में सोयाबीन फसल का निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर ग्राम मदराकुही में सोयाबीन फसल प्रक्षेत्र दिवस मनाया गया।

इस अवसर पर वैज्ञानिकों ने कृषकों की विभिन्न समस्याओं को जाना व कृषको की आय मे वृद्धि हेतु तिलहन फसलों की नवीन किस्में, उन्नत कृषि तकनीक व यंत्रीकरण को अपनाने को अपनाने की सलाह दी, साथ ही साथ शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला मदराकुही परिसर में एक पेड़ मां के नाम अंतर्गत आम की केसर किस्म के पौधों का वृक्षारोपण भी किया। निरीक्षण दल द्वारा कृषकों के प्रक्षेत्र में लगी सोयाबीन फसल प्रदर्शन की सराहना कर कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव के वैज्ञानिकों बधाई दी गई। कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र राजनांदगांव की वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गुंजन झा, वैज्ञानिक डॉ. अतुल डांगे एवं प्रोजेक्ट नोडल अधिकारी के रूप में डॉ. योगेन्द्र श्रीवास उपस्थित थे।