राजनांदगांव : गांवों में नए संसाधनों, तकनीकों से खेती करने और परंपरागत आजीविका में सुधार की पहल से मिल रही सफलता : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल…

  • मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी को राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम तिलई के ग्रामवासी सहित जिले के सभी विकासखंडों में नागरिकों ने तन्मयतापूर्वक सुना

राजनांदगांव – मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 23वीं कड़ी ‘उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडलÓ को आज राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम तिलई के ग्रामवासियों सहित जिले के सभी विकासखंडों में नागरिकों ने तन्मयतापूर्वक सुना। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और आजाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिन के अवसर पर कहा कि पंडित नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था। पंडित नेहरू का जन्म दिवस बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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बच्चे उन्हें चाचा नेहरू कहकर पुकारते हैं। वे देश की नई पीढ़ी को अपने विश्वास की छत्रछाया में पनपते देखना चाहते थे। पंडित नेहरू को नई पीढ़ी पर अटूट भरोसा था। मुख्यमंत्री ने लोकवाणी में ‘उद्यमिता और जनसशक्तिकरण का छत्तीसगढ़ मॉडलÓ विषय पर कहा कि हमने आजीविका को मजबूत करने और जनता के हाथों में स्वाभिमान से लेकर आर्थिक ताकत सौंपने की रणनीति अपनाई, वही छत्तीसगढ़ मॉडल के रूप में हमारी पहचान बनी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विकास के परम्परागत मॉडल, पंडित नेहरू के आधुनिक मॉडल, श्रीमती इंदिरा गांधी के दृढ़ इच्छाशक्ति के मॉडल और श्री राजीव गांधी के टेक्नॉलाजी से बदलाव के मॉडल के प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी की तस्वीर बदलने, गांवों में नए संसाधनों से, नई तकनीक से खेती करने और परंपरागत आजीविका में सुधार की जो पहल की गई उनको सफलता मिली अब गांव-गांव से खेती के नए तरीकों की खबरें आ रही हैं।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढिय़ा अभिमान और स्वाभिमान को पुनर्जीवित करने के लिए कदम उठाए गए है। हरेली, तीजा-पोरा, कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस और छठ पूजा पर सार्वजनिक अवकाश से जनजीवन में सकारात्मक संदेश पहुंचा है। छत्तीसगढ़ आज भी कृषि की बहुलता वाला प्रदेश है, यहां की माटी में नई फसल के साथ दान का महत्व भी समाहित है, इसलिए छेरछेरा पुन्नी-शाकंभरी जयंती के लिए अवकाश की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ सर्वधर्म समभाव का गढ़ बना रहे है। सामाजिक समरसता और सभी धर्मों में एकता हमारी ताकत है और उसे बनाए रखने के लिए, सबके लिए सम्मान बनाए रखने के लिए, हम सबको मिल जुलकर प्रयास करना है।


उपसरपंच श्री सफिल खान ने कहा कि नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी शासन की महत्वपूर्ण योजना है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की विलुप्त हो रही प्राचीन संस्कृति को उजागर करने का कार्य कर रही है। गरूवा योजना से पशुओं को सुरक्षा मिला है। गोधन न्याय योजना के तहत वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग फसलों में किया जा रहा है, यह बहुत ही सराहनीय कार्य है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी से गांव के कृषि क्षेत्र का रकबा बढ़ा है। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से बंजर भूमि में भी हरियाली लहरा रही है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से कमजोर वर्ग को राहत मिला है। शासन की योजना से किसान दलहन, तिलहन फसल लेने के लिए प्रोत्साहित हो रहे है। श्रीमती कुसुम साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से ग्रामवासी बंजर भूमि में पेड़ पौधे उगा रहे है। शासन की गौठान योजना से नागरिकों को लाभ मिल रहा है।

श्रीमती दानेश्वरी साहू ने कहा कि सुराजी गांव योजना के माध्यम स्थानीय स्तर पर रोजगार देने की पहल सराहनीय है। इस अवसर पर सरंपच श्रीमती मथुरा बाई नेताम, उपसरपंच श्री सफिल खान, क्षेत्र समन्वयक श्रीमती वित्ती सूर्यवंशी, रोजगार सहायिका सुश्री अंजु सिन्हा, श्रीमती गोमती बाई साहू, नाजरीन बी खान, श्रीमती कामिन साहू, श्रीमती रिंकी साहू, श्रीमती ललिता देवांगन, श्रीमती तामेश्वरी साहू, श्रीमती कुसुम साहू, श्रीमती रामबाई साहू, श्रीमती पिंकी साहू, श्री गुलालराम साहू, श्री कौशल महराज, श्रीमती पुनम देवांगन, श्री हेमन्त नेताम, श्री अमीर खान, श्रीमती दानेश्वरी साहू सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।