- रोकाछेका अभियान फाल्गुन तक सतत रूप से रहेगा जारी, किसानों को उतेरा फसल लेने के लिए करें प्रोत्साहित
- कलेक्टर ने स्कूल, आश्रम-छात्रावास तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यकता वाली वस्तुओं की प्राप्ति के लिए गौठान तथा बाड़ी के घटक से जोडऩे के दिए निर्देश
- विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन गौठान में करने के दिए निर्देश
राजनांदगांव – कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन, गौठान को ग्रामीण औद्योगिक पार्क तथा मल्टीएक्टीविटी सेंटर के रूप में विकसित कर स्वसहायता समूह की आजीविका संवर्धन के लिए विभिन्न गतिविधियों का संचालन करने अधिकारियों की बैठक ली। कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि गोधन न्याय योजना शासन की महत्वाकांक्षी योजना है। जिले के सभी गौठान सक्रिय होना चाहिए और गौठानों में गोबर खरीदी लगातार होनी चाहिए। वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण गोबर क्रय के अनुपात में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रोकाछेका अभियान फाल्गुन तक सतत रूप से जारी रहेगा।
पारंपरिक रूप से दलहन- तिलहन की छिड़कवा विधि से बोवाई कर उतेरा फसल ली जाती है। खरीफ फसल की कटाई के बाद रबी मौसम में किसानों को उतेरा फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करें। सरसों का बीज कृषि विज्ञान केन्द्र से नि:शुल्क प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि गौठानों को मल्टीएक्टीविटी और ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाना है। गौठानों में कार्य क्षेत्र, जानवरों का क्षेत्र, टांका, चारागाह, बाड़ी क्षेत्र अलग-अलग होनी चाहिए। गौठानों में सभी अधोसंरचना सुनिश्चित होनी चाहिए। रोका-छेका अभियान के तहत गौठानों में मवेशियों के लिए चारा की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। किसानों को धान कटाई के बाद पैरादान के लिए प्रेरित करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्क और मल्टीएक्टीविटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जाना है। इसके लिए कार्ययोजना बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। मिनी राईस मील, तेलघानी मशीन, पैकेजिंग मशीन तथा मिनी उद्योग गौठानों में स्थापित किया जाना है। यहां से उत्पादित वस्तुओं को स्कूल, आश्रम-छात्रावास तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में विक्रय किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल, आश्रम-छात्रावास तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में आवश्यकता वाली वस्तुओं की प्राप्ति के लिए गौठान तथा बाड़ी के घटक से जोडऩे की आवश्यकता है।
इन संस्थानों में दैनिक आवश्यकता वाली वस्तुओं की सूची तैयार करें तथा इसका उत्पादन गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा किया जाए। जिससे समूह की महिलाओं को आजीविका के लिए कार्य उपलब्ध होगा। साथ ही विक्रय के लिए बाजार भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि सूची के आधार पर कार्य योजना तैयार किया जाए तथा समूहों को कलस्टर में कार्य दिया जाएं। उन्होंने कहा कि गौठान में ऐसे एक्टीविटी प्रारंभ किया जाएं, जिसके लिए बाजार आसानी से उपलब्ध हो। उन्होंने सभी एसडीएम को बीईओ, एबीओ, छात्रावास अधीक्षक की विकासखंड स्तर पर बैठक लेने के निर्देश दिए तथा इन संस्थाओं में प्रतिमाह उपयोग होने वाली वस्तुओं के मांग की सूची तैयार करें। इसके अनुरूप गौठान की स्वसहायता समूह को कलस्टर में अलग-अलग वस्तुओं के उत्पादन के लिए कार्य दें। गौठान के बाड़ी में उत्पादित सब्जी-भाजी आश्रम, स्कूलों को विक्रय करें।
कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन गौठानों में होना चाहिए। सभी विभाग सहभागिता के साथ योजनाओं का लाभ गौठानों में उपलब्ध कराएं। उन्होंने कहा कि जिन गौठानों में मुर्गीपालन, पशुपालन के लिए शेड निर्माण किया गया है वहां कार्य होने चाहिए। छुईखदान में स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा पान की खेती किया जा रहा है। खरीफ फसल की कटाई के बाद रबी फसल बोआई का कार्य किया जाएगा। किसानों को वर्मी कम्पोस्ट क्रय के लिए प्रेरित करें।
जिला पंचायत सीईओ श्री लोकेश चंद्राकर ने कहा कि गौठानों को मल्टीएक्टिविटी सेंटर के रूप में विकसित किया जाना है। प्रत्येक गौठानों में चार-पांच आजीविका संबंधित गतिविधियों का संचालन होना चाहिए। सभी विभाग अपने विभागीय योजनाओं के माध्यम से योजनाओं का क्रियान्वयन कराएं। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण गौठान समिति तथा स्वसहायता समूह को लाभ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन गौठान को फरवरी तक पूरा कर लिया जाए। प्रत्येक गौठान में स्वसहायता समूह के लिए शेड का निर्माण, पानी एवं बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित रहें। जिन गांवों में गौठान नहीं है, वहां इसके लिए स्थल का चिन्हांकन करें। इस अवसर वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव श्री एन गुरूनाथन, वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ श्री संजय यादव, सभी एसडीएम, जनपद सीईओ, जिला अधिकारी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।