राजनांदगांव : ग्राम कोड़का में मुनगा दिवस का आयोजन…

मुनगा पत्ती पाउडर, मुनगा कुकीस, मुनगा टोस्ट, मुनगा चॉकलेट, मुनगा चिप्स, मुनगा रेडी-टू-ईट पोहा, मुनगा रेडी-टू-कुक पुलाव, मुनगा कोल्ड ड्रिंक, मुनगा स्वीट उत्पादों का किया गया प्रदर्शन

Advertisements


राजनांदगांव – कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र, छुईखदान के द्वारा मुनगा दिवस का आयोजन महाविद्यालय के गोद-ग्राम कोड़का में किया गया। उद्यानिकी विभाग एवं जनपद पंचायत छुईखदान के संयुक्त तत्वाधान में मनरेगा के अंतर्गत नि:शुल्क पौध उत्पादन एवं वितरण परियोजना के सहयोग से किया गया। महाविद्यालय द्वारा मुनगा दिवस के आयोजन की यह नई पहल है जिसे आगन्तुकों तथा उपस्थित कृषकों द्वारा काफी सराहा गया तथा भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करने की सलाह दी।

इस दिवस के माध्यम से मुनगा कीे उन्नत प्रजाति पी.के.एम-1 एवं अमरूद, पपीता, सीताफल, केला, जामुन आदि के 3000 से भी अधिक पौधों का वितरण एवं तकनीकी रूप से रोपण का प्रदर्शन किया गया। इस दिवस पर मुनगा पौधों के प्रदर्शन के अलावा मुनगा से बनने वाले विभिन्न उत्पाद जैसे मुनगा पत्ती पाउडर, मुनगा कुकीस, मुनगा टोस्ट, मुनगा चॉकलेट, मुनगा चिप्स, मुनगा रेडी-टू-ईट पोहा, मुनगा रेडी-टू-कुक पुलाव, मुनगा कोल्ड ड्रिंक, मुनगा स्वीट के अलावा वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वॉश किसानों को नि:शुल्क उपलब्ध कराकर तकनीकी जानकारी प्रदान की गई।

कृषि एवं उद्यानिकी के विभिन्न मॉडलों को एक प्रदर्शनी के रूप में भी इस अवसर पर आयोजित कर प्रस्तुत किया गया। इस मुनगा दिवस के आयोजन में तहसीलदार, छुईखदान श्री पीके गुप्ता, निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर डॉ एसएस सेंगर, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र छुईखदान डॉ. एन. के. रस्तोगी, सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आरके शर्मा, विभागाध्यक्ष आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन डॉ. पी. के. चन्द्राकर, सरपंच, ग्राम पंचायत गोपालपुर श्री सुखमा बृजलाल साहू, सरपंच ग्राम पंचायत श्यामपुर श्रीमती राधिका सेन के साथ ग्राम कोड़का के 250 कृषक एवं महाविद्यालय के चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राऐं उपस्थित थे।


तहसीलदार श्री प्रफुल्ल गुप्ता ने अपने उद्बोधन में मुनगा की महत्ता को बताते हुए प्रत्येक घर में मुनगा लगाने की सलाह दी और मुनगा के सेवन से मिलने वाले स्वास्थ्यगत लाभों का उल्लेख किया। उन्होंने बताया की 100 ग्राम मुनगा की पत्ती का सेवन करने से 5 गिलास दूध के बराबर कैल्सियम प्राप्त होता है। इसके अलावा नींबू की तुलना में इसमें 5 गुना ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। मोटापा और वजन कम करने में मुनगा की पत्तियां काफी फायदेमंद हो सकती है।

आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण मुनगा की पत्तियों के रस को गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को पीना अधिक फायदेमंद होता है। डॉ. एस. एस. सेंगर ने बताया कि मुनगा छत्तीसगढ़ की एक परंपरागत सब्जी है। यहां के किसान भाई अपने बाड़ी में देशी मुनगा लगाते हैं तथा वैज्ञानिक तकनीक एवं उन्नत प्रजाति के पौधे की उपलब्धता न होने के कारण पर्याप्त उत्पादन नहीं ले पाते। उल्लेखनीय है कि मुनगा में प्रचुर पोषक तत्व होते हैं।

इसमें कार्बोहाइड्रड, प्रोटीन, विटामिन के साथ ही आयरन, कैल्शियम, खनिज लवण भी मौजूद रहता है जो कुपोषण को दूर करने में महत्वपूर्ण है। अधिष्ठाता डॉ. रस्तोगी ने कृषि महाविद्यालय के द्वारा गोद-ग्राम कोड़का में किये जा रहे कार्यक्रमों की जानकारी दी। मुनगा एक औषधि के रूप में 300 प्रकार के बीमारियों के निदान में सहायक है। पी.के.एम-1 पूरे भारत की एक श्रेष्ठ प्रजाति है जिसमें 4 महीने बाद फूल आने लगते हैं, तथा 7-8 महीने बाद इसकी व्यावसायिक फसल ले सकते हैं।


सहायक संचालक उद्यानिकी श्री आरके शर्मा ने विभागीय योजनाओं के साथ-साथ जिले में चल रहे मुनगा विस्तार कार्यक्रमों की जानकारी किसानों को दी। डॉ. चन्द्राकर, विभागाध्यक्ष, आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग ने महाविद्यालय के द्वारा गांव में कृषि तकनीक के फैलाव व प्रसार के लिए बीज उत्पादन के महत्व पर प्रकाश डाला। कोड़का सरपंच श्री साहू ने कहा कि आगनबाड़ी केंद्र तथा अन्य ग्रामीण संचालित कार्यक्रमों में मुनगा को शामिल कर गांव के लोगों के पोषण स्तर को ऊपर उठा सकते हैं।

उद्यानिकी विशेषज्ञ डॉ बीएस असाटी ने बताया कि मुनगा को कम पानी की जरूरत पड़ती है तथा 250 क्ंिवटल प्रति हेक्टेयर की दर से उपज की प्राप्ति की जा सकती है। इसके अलावा उद्यानिकी विभाग से श्री संजय जांगड़े ने बताया कि अन्य सब्जियों की भांति मुनगा में भी वैज्ञानिक वैज्ञानिक ढंग खेती की आवश्यकता है, जिससे कि जिले के कृषक अपने आय को बढ़ा सके। उन्होंने सभी कृषकों से अपने प्रक्षेत्र में मुनगा को समावेश करने की बात कही। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा मुनगा की वैज्ञानिक पद्धति को किसानों के लिए उपलब्ध कराया गया।

विद्यार्थियों द्वारा प्रदर्शनी में रखे मुनगा के विभिन्न उत्पादों की जानकारी किसानों को दी गई तथा इन्होंने बताया कि महाविद्यालय द्वारा मुनगा से बनने वाले विभिन्न उत्पादों पर अनुसंधान कार्य किया जा रहा है ताकि भविष्य मे बारहमास राज्य के लोगों को मुनगा से संबंधित उत्पाद उपलब्ध हो सके। इस अवसर पर महाविद्यालय द्वारा प्रकाशित तकनीकी फोल्डर Óमुनगा की उत्पादन तकनीकÓ का विमोचन किया गया तथा बाद में सभी किसानों को उपलब्ध कराया गया। इस कार्यक्रम में कृषि महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं ग्राम पंचायत श्यामपुर व कोड़का की स्वसहायता समूह की महिलाएं उपस्थित थे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन सरपंच कोड़का श्री सुखमा बृजलाल साहू द्वारा किया गया।