राजनांदगांव – जिला राजनांदगांव एक घोर नक्सल प्रभावित जिला है। पुलिस द्वारा नक्सलियों के विरूद्ध लगातार प्रभावी एन्टी नक्सल ऑपरेशन संचालित किये जा रहे है। जिसके फलस्वरूप जिले को नक्सल फ्रन्ट में काफी अच्छी सफलता भी मिली है। नक्सलियों द्वारा क्षेत्र में दहशत फैलाकर अपने जनाधार के क्षेत्र में लोगो को बेघर करते रहते है। मुखबिर के नाम पर कईयों की हत्या की है। क्षेत्र में विकास कार्यो को रोक, लोगो को नक्सली विकास से दूर रखते है।
नक्सल पीड़ित ग्रामीणों को पुनर्वासित करने के लिये जिला स्तर पर कलेक्टर राजनांदगांव तारन प्रकाश सिन्हा की अध्यक्षता एवं पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव संतोष सिंह व जिले के विभिन्न विभागों के प्रमुखों की सदस्यता में जिला स्तरीय पुनर्वास समिति नक्सल पीड़ितों को लाभ पहुॅचाने हेतु कार्य कर रही है। छत्तीसगढ़ शासन गृह विभाग के पत्र क्रमांक- एफ-4/82/गृह-सी/2001, रायपुर दिनांक 20 अक्टूबर, 2004 के कण्डिका 15 एवं संशोधन आदेश एफ-4/82/गृह-सी/2001, रायपुर दिनांक 16.11.15 के 1 (ब) के प्रावधानों के तहत अनुशंसा पर आर्थिक सहायता- मृतकों के उत्तराधिकारी कुल 109 आम नागरिकों को राज्य आर्थिक सहायता राशि दी गई है, केन्द्रीय आर्थिक सहायता – 31 नक्सली पीड़ित परिवारों के उत्तराधिकारियों को, शासकीय नौकरी – 65 आम नागरिकों के उत्तराधिकारियों को, मुख्यमंत्री खाद्यान्न योजना – 111 परिवारों का के तहत न्युनतम दर का राशन कार्ड , राज्य में संचालित यात्री बसों के किराये में छूट- 111 परिवारों को 50 प्रतिशत किराया में छुट हेतु प्रमाण पत्र क्षेत्रिय परिवहन कार्यालय राजनांदगांव द्वारा जारी किया गया है। छात्रवृत्ति – नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को शिक्षा के लिये छात्रवृत्ति भी दी जा रही है। विदित हो कि नियमानुसार किसी पीड़ित परिवार के किसी एक या एक से अधिक सुविधा का लाभ उसकी क्षति के अनुसार दिया जाना होता है।
छत्तीगढ़ शासन गृह विभाग, सी-अनुभाग, महानदी भवन, मंत्रालय नया रायपुर के आदेश क्रमांक-एफ-4-82/दो/गृह-सी/2001 नया रायपुर दिनांक 16.11.2015 पुनर्वास नीति के कण्डिका-01 (ब) के कण्डिका-01(ब) के बिन्दु क्रमांक- 19 में स्पष्ट किया गया है कि ‘‘नक्सल पीड़ित व्यक्तियों/परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था तत्समय प्रचलित प्रावधानों के अन्तर्गत ही की जावेगी। साथ ही उनकी आवश्यकता एवं पृष्ठभुमि को ध्यान में रखते हुये उपरोक्त सुविधाओं में से ‘‘किसी एक अथवा एक से अधिक सुविधा’’ उपलब्ध कराने का निर्णय जिला स्तरीय समिति कर सकेगी। ’’ इस प्रकार जिले के कुल सभी 118 नक्सल पीड़ित परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ उनकी आवयकता एवं आर्थिक नुकसान की पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर दिया गया है। कई अन्य लाभ दिलवाने हेतु जिला प्रशासक एवं पुलिस प्रशासन प्रयासरत है।