राजनांदगांव: जिले में अब तक कुल 6710 कोरोना पाजिटिव की पहचान हुई, रविवार को नगर निगम क्षेत्र से 79 सहित जिले से 156 मरीज मिले डिस्चार्ज हुए 262…

राजनांदगांव- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत कार्यरत संविदा डॉक्टरों, लैब तकनीशियनों, एमएलटी सहित अन्य कर्मचारियों ने नियमितीकरण की मांग को लेकर शनिवार से बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी। इन कर्मचारियों के हड़ताल में जाते ही जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था हांफने लगी है। जिलेभर में कोरोना सैंपल लेना बंद हो गया है।

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आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मीडिया बुलेटिन के अनुसार राजनांदगांव जिले से 156 नए संक्रमित मरीजों की पहचान हुई वही राजनांदगांव नगर निगम क्षेत्र से 79 एवं राजनांदगांव विकासखंडों से 71 कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हुई जिसके साथ जिले से एक्टिव प्रकरणों की संख्या 3084 हो गया है आज तक कोरोना संक्रमण से 66 लोगों की मृत्यु हो चुकी है।

हड़ताल से वार्ड स्तर पर नहीं मिल रही सुविधा

हड़ताल से शहरी क्षेत्र में संचालित 3 प्राइमरी स्वास्थ्य केन्द्र और 20 शहरी स्वास्थ्य केन्द्रों में भी ताला लग गया है। इन सेंटरों को संविदा डॉक्टरों के भरोसे ही चलाया जा रहा था। इस वजह से वार्ड स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल रही है। टीबी वार्ड में मरीजों को दवाइयां नहीं बंट पा रही है। कुपोषित बच्चों के लिए बनाए गए पुनर्वास केन्द्र बंद हो गए हैं। जिला स्तर पर बनाए फीवर क्लीनिक भी बंद हो गए हैं जहां बुखार पीड़ितों की जांच होती है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में टेस्टिंग बंद हो गई है। भर्ती मरीजों को परेशानी हो रही है।

सैंपल जांच में प्रोटोकाल का पालन नहीं हो रहा


संविदा डॉक्टर और कर्मचारियों के हड़ताल में जाते ही सैंपल लेने की प्रक्रिया सबसे ज्यादा प्रभावित हुई। कायदे से एमबीबीएस और बीएमएस डॉक्टरों की मौजूदगी में सैंपल लेना है पर दोपहर बाद गांधी सभागार और ऑडिटोरियम में सैंपल जांच के लिए ग्रामीण स्वास्थ्य अधिकारियों की ड्यूटी लगा दी गई जो कि प्रोटोकाल के दायरे में नहीं आते। सैंपल देने चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है जो कि सैंपलिंग के बारे में नहीं जानते।