राजनांदगांव : जिले में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से 70 एकड़ भूमि पर फलदार पौधों के मिश्रित उद्यान होंगे विकसित….

लगभग 7 हजार 500 फलदार पौधे किए जा रहे रोपित

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वृक्षारोपण को मिलेगा बढ़ावा, ग्राम पंचायतों की आय में होगी वृद्धि


राजनांदगांव जिले में मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना से गांवों में विविध प्रजातियों के फलदार पौधों के मिश्रित उद्यान विकसित होंगे। वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की शासन की यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में कारगर है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी परिणाममूलक है। एक साथ जब फलदार वृक्ष हरेभरे उद्यान में तब्दील होंगे तो यह अनूठा प्रयास सार्थक साबित होगा।

कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा के मार्गदर्शन में शासन की इस योजना के तहत ग्राम पंचायतों में सघन पौध रोपण किया जा रहा है। जिले में 70 एकड़ भूमि पर 7 हजार 500 पौधे लगाए जा रहे हैं और इस दिशा में निरंतर कार्य किया जा रहा है। शासकीय भूमि पर ग्राम पंचायतों द्वारा कटहल, अमरूद, जामुन, नींबू, मुनगा, आम के फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं।

अंबागढ़ चौकी विकासखंड के ग्राम पंचायत सोनसायटोला, छुईखदान विकासखंड के ग्राम कुटेलीकला, छुरिया विकासखंड के ग्राम भर्रीटोला ब, खैरागढ़ विकासखंड के ग्राम बलदेवपुर, डोंगरगांव विकासखंड के ग्राम रायतापायली, डोंगरगढ़ विकासखंड के लाल बहादुर नगर, मोहला विकासखंड के ग्राम घावड़ेटोला, मानपुर विकासखंड के ग्राम औंधी एवं राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम इंदावानी में सघन पौधरोपण का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत वृक्षारोपण करने पर प्रति एकड़ 10 हजार रूपए के मान से ग्राम पंचायतों को आदान सहायता मिलेगी एवं 3 वर्ष तक यह आदान सहायता प्राप्त होगी। जिससे ग्राम पंचायतों की आय में वृद्धि होगी। ग्राम पंचायते ही मिश्रित उद्यान का रखरखाव करेंगे। आने वाले वर्षों में ग्राम पंचायत चाहे तो भूमिहीन कृषक एवं महिला स्वसहायता समूह को कार्य के लिए दे सकते हैं। उद्यानिकी एवं वन विभाग द्वारा पौधे उपलब्ध कराएं जा रहे हैं। तकनीकी मार्गदर्शन उद्यानिकी विभाग एवं इसके लिए कार्य एजेंसी ग्राम पंचायतें हैं।


गौरतलब है कि मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी नागरिक, निजी भूमि की उपलब्धता अनुसार तथा सभी ग्राम पंचायतों एवं संयुक्त वन प्रबंधन समितियां योजना का लाभ लेने हेतु पात्र होंगे। मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत जिन किसानों ने खरीफ वर्ष 2020 में धान की फसल ली हैे, यदि वे धान फसल के बदले अपने खेतों में वृक्षारोपण करते हैं, तो उन्हें आगामी 3 वर्षों तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।

इसी तरह ग्राम पंचायतों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाएगा, तो एक वर्ष बाद सफल वृक्षारोपण की दशा में संबंधित ग्राम पंचायतों को शासन की ओर से 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इससे भविष्य में पंचायतों की आय में वृद्धि हो सकेगी। इसके अलावा संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के पास उपलब्ध राशि से यदि वाणिज्यिक आधार पर राजस्व भूमि पर वृक्षारोपण किया जाता है, तो पंचायत की तरह ही संबंधित समिति को एक वर्ष बाद 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृक्षों को काटने व विक्रय का अधिकार संबंधित समिति का होगा। योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में वृक्षारोपण को अधिक से अधिक प्रोत्साहित करना है।

साथ ही पर्यावरण में सुधार लाकर जलवायु परिवर्तन के विपरीत प्रभावों को कम करना है। इसमें निजी क्षेत्र, कृषकों, शासकीय विभागों एवं ग्राम पंचायतों को भूमि पर ईमारती, गैर ईमारती प्रजातियों के वाणिज्यिक-औद्योगिक वृक्षारोपण को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसी तरह कृषकों की आय में वृक्षारोपण के माध्यम से वृद्धि करते हुए उनके आर्थिक, सामाजिक स्तर में सुधार लाना है। निजी भूमि पर रोपित तथा पूर्व से खड़ा वृक्षों के पातन तथा काष्ठ के परिवहन नियमों को सुगम बनाया जाकर, नागरिकों को निजी भूमि पर रोपण हेतु आकर्षित करना है।

मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के तहत गैर वनीय क्षेत्रों में ईमारती, गैर ईमारती, फलदार वृक्ष बांस अन्य लघु वनोपज एवं औषधीय पौधों का वृहद पैमाने पर रोपण किया जाएगा तथा कृषि वानिकी को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इस हेतु उच्च गुणवत्ता के पौधे तैयार किए जाएंगे। जिस वन और राजस्व वन भूमि पर वन अधिकार पत्र दिए गए हैं, उस भूमि पर भी हितग्राहियों की सहमति से ईमारती, फलदार, बांस, लघु वनोपज एवं औषधि पौधों का रोपण किया जाएगा।