राजनांदगांव : जिले में वैश्विक सोच के अनुरूप वस्तुओं के निर्यात बढ़ाने की जरूरत- कलेक्टर…

  • परिवहन की अच्छी सुविधा होने के कारण व्यापारिक दृष्टि से राजनांदगांव जिला समृद्ध
  • वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के निर्यात के बेहतर अवसर
  • आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर एक्सपोटर्स कॉनक्लेव संपन्न

राजनांदगांव – आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर कलेक्टर श्री तारन प्रकाश सिन्हा आज जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र द्वारा आयोजित एक्सपोटर्स कॉनक्लेव में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि भारतीय इतिहास के अनुसार देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र निर्यात के लिए प्रसिद्ध रहे हैं। वहीं छत्तीसगढ़ के अभिलेख से भी दक्षिण पूर्व एशिया में व्यापार का पता चलता है। ओडिसा में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए बाली महोत्सव में समुद्र में दीप छोडऩे की प्रथा रही है। 1993 में आर्थिक उदारीकरण की नीति के तहत कई उद्यमियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दिया गया। वैश्विक सोच के अनुरूप जिले में वस्तुओं के निर्यात बढ़ाने की जरूरत है।

Advertisements

राजनांदगांव जिला नागपुर एवं हावड़ा से रेल्वे लाईन से जुड़ा हुआ है। वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग से परिवहन की अच्छी सुविधा होने के कारण व्यापारिक दृष्टि से राजनांदगांव जिला समृद्ध है और यहां वैश्विक स्तर पर वस्तुओं के निर्यात के बहुत अच्छे अवसर है। वैश्विक दृष्टिकोण से निर्यात के अवसर बढ़ावा देने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। विश्व के कई छोटे देश अपने उत्पादों को वैश्विक स्तर पर निर्यात कर रहे हैं। वैश्विक सोच के अनुरूप जिले के व्यापार तथा यहां के उत्पाद को बढ़ावा देने की जरूरत है।


संयुक्त महानिदेशक विदेश व्यापार डीजीएफटी नागपुर डॉ. वी श्रमन ने कहा कि भारतीय व्यापार पोर्टल से निर्यातकों को एफटीए का उपयोग करने और निर्यात के अवसर हासिल करने में मदद करती है। विदेशी व्यापार के बारे में जानकारी के लिए एक्जिम एनालिटिक्स के साथ पोर्टल डैश बोर्ड भी है। विदेशों में भारतीय दूतावासों के साथ भारत व्यापार का एकीकरण किया गया है और वहां व्यापार के अवसर अपलोड किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि डीजीएफटी द्वारा भारतीय कंपनियों और व्यक्तियों को आईईसी कोड जारी किया जाता है। जिससे वे अपनी वस्तुओं को निर्यात कर सकते हैं।

आईईसी कोड होने पर लाईसेंस की आवश्यकता नहीं होती है यह केवल निर्यात-आयात गतिविधि के लिए पंजीकरण है। इसके लिए डिजिटल प्लेटफार्म पर सभी निर्यातक एवं देश के सभी अधिकृत एजेंसी प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। एमएसएमई के श्री केबी इरप्ते ने कहा कि शासन द्वारा मध्यम श्रेणी के उद्यमियों को निर्यात के लिए प्रोत्साहित करने हेतु बहुत से अवसर है। बाजार के अवसर खोजने के लिए भारत शासन के भारतीय व्यापार पोर्टल में सभी देशों के सर्वे, डाटा रिपोर्ट, व्यापार के टै्रंड, विभिन्न देशों में उत्पादों की मांग के संबंध में उतार-चढ़ाव का पता लगा सकते हैं।
इस अवसर पर सहायक प्राध्यापक शासकीय दिग्विजय स्वशासी महाविद्यालय डॉ. दिव्या पवार ने भारत के विदेश व्यापार के नीति के संबंध में जानकारी दी।

पैनल डिस्कशन में निर्यात बढ़ाने के संबंध में चर्चा की गई। कार्यक्रम में महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र श्री राजीव शुक्ला, एफटीडीओ डीजीएफटी श्री दिलीप कोचे, संयुक्त निदेशक एमएसएमई रायपुर श्री वीआर सिरशाथ, प्रोप्राईटर फोर्टविलियम फलेक्सिबल सोमनी श्री टीकमचंद जैन, प्रोप्राईटर एक्सीलेक्स साल्युशन सोमनी श्री सुधाकरन साजन, एमडी एबीस एक्सपोर्ट इंटरप्राईजेस प्राईवेट लिमिटेड राजनांदगांव श्री अंजुम अल्वी, प्रोप्राईटर एसके इण्डस्टीज श्री सुबोध जैन, प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र श्री सतविंदर भाटिया, प्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र श्री स्वतंत्र कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी एवं व्यापारी एवं उद्यमी उपस्थित थे।