राजनांदगांव: नवाज की किसानों में बढ़ती लोकप्रियता को पचा नहीं पा रहे मामा भांजा- सैय्यद अफजल…


राजनादगांव। जिला कांग्रेस कमेटी व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सैय्यद अफजल ने कहा कि जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष नवाज भाई का खैरागढ़ क्षेत्रवासियों ने गर्मजोशी से स्वागत और अभिनंदन किया, जिसे क्षेत्रीय भाजपा नेता भांजा पचा नहीं पा रहा है, यह वही भांजा है, जो 15 साल मामा के राज में इन्होंने ख़ुद तालीबानी हुकूमत चलाई है? मामा ने अंतागढ़ में लोकतंत्र का हनन किया और भांजा ने खैरागढ़ में जनपद पंचायत में लोकतंत्र का हनन किया।

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खैरागढ़ जनपद पंचायत में एक गरीब कांग्रेस प्रत्यासी को फार्म भरने नहीं दिया गया, जनपद सदस्य भी ताकत के दम पर निर्विरोध निर्वाचित हुए और जनपद अध्यक्ष भी निर्विरोध निर्वाचित हुए। कांग्रेस नेता अफजल ने आगे कहा कि इस तरह से यह मामा-भांजा प्रशासनिक तंत्र का दुरुपयोग करके निर्विरोध जनपद अध्यक्ष का चुनाव जीतने वाले लोग है। खैरागढ़ क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी आज जहां पर थे, वहीं पर है, और यह मामा-भांजा पंद्रह साल में अपार संपत्ति के मालिक हो गये।

मामा मुख्यमंत्री थे, उसके पहले केवल सिद्धार्थ मेडिकल स्टोर हुआ करता था, फिर सिद्धार्थ फाइनेंस हो गया, फिर पेट्रोल पंप खुल गया, फिर बहुत बड़ी-बड़ी कॉलोनाइजर के लाइसेंस बनाकर कॉलोनी डेवलपमेंट किए गये अब सवाल ये उठता है, इतनी अपूर्व संपत्ति कहां से आई इनके पास केवल भ्रष्टाचार और कुछ नहीं, ये मामा भांजा इन पंद्रह सालों के कड़े संघर्ष में अपार धन अर्जित कर एक गरीब किसान परिवार की महिला के साथ चुनाव लड़े वो भी अपने पैसे और ताकत के दम पर? सच्चाई तो ये है, पंद्रह साल मुख्यमंत्री रहें मामा की छत्तीसगढ़ में घट रही लोकप्रियता से राजनीतिक परिवार वाले लोगो की छटपटाहट बढ़ गई है, जिससे उलूल-जुलूल बयानबाजी करके सुर्खियों में बने रहना चाहते है।

ये वही भांजा है जो अपने मामा के राजनांदगांव की सीट बचाने के चक्कर में खुद अपने गृह नगर खैरागढ़ विधानसभा की भाजपा की सीट बचा नहीं पाए और ये वहीं नवाज खान है, जो कांग्रेस अध्यक्ष रहते हुए विपक्ष सत्तासीन भाजपा सरकार के खिलाफ आंदोलन कर अपने नेतृत्व में राजनादगांव जिले में छह में से पांच विधानसभा सीटे सत्तासीन भाजपा से छीन कर कांग्रेस का ग्राफ बढ़ाया था, राजनादगांव में हमारे जाबांज चार विधायकों की सीटे प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने में अहम रही।

अब भांजा यह बताएं जब मामा के नेतृत्व में प्रदेश और राजनांदगांव जिले में चुनाव हुए फिर प्रदेश के साथ-साथ मामा अपना ही जिला क्यों नहीं बचा पाए, क्यों छह में से पांच विधायक खुद के जिले में हार गए? इससे यह साबित होता है, कि मामा भांजा के वंशवाद की राजनीति को जनता ने नकार दिया। भाजपा मनन मंथन करें? प्रदेश के मुखिया भूपेश भूपेश बघेल ने नवाज भाई की कांग्रेस के प्रति लगन और निष्ठा को देखते हुए विश्वास जताकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक राजनांदगांव का अध्यक्ष बनाया है, जिससे किसान साथी लाभान्वित हो रहे हैं, किसानों में उत्साह है कि उन्हें उनका नेतृत्व करता मिल गया जिसे ये मामा-भांजा पचा नहीं पा रहे हैं।