राजनांदगांव अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक स्पेशल कोर्ट श्री शैलेश शर्मा द्वारा पास्को एक्ट के एक मामले में 19 जनवरी को फैसला सुनाते हुए नाबालिक के बलात्कारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के आरोप में 3 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपए के अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के आरोप में 3 वर्ष सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड, भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (2) (ढ) के आरोप में 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 500 रूपए अर्थदंड तथा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 6 के आरोप में 20 वर्ष के कठोर कारावास एवं 1000 रूपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किए जाने का आदेश पारित किया गया है। प्रत्येक अर्थदंड की राशि अदा न किए जाने की स्थिति में अभियुक्त को एक-एक वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास की सजा पृथक से भुगतनी होगी।
मामले में छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से विशेष लोक अभियोजक राजनांदगांव से परवेज अख्तर ने पैरवी की विशेष लोक अभियोजक ने प्रकरण के संबंध में बताया कि 2 वर्ष पहले आरोपी पवन कोटेरी 24 वर्ष द्वारा नाबालिग को शादी का प्रलोभन देकर बहला-फुसलाकर भगा कर ले जा गया था और अलग-अलग जगह पर रख उसका बलात्कार करता रहा।
घटना के बारे में किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी देता रहा। पीड़िता के पिता द्वारा नाबालिग की गुमशुदगी की रिपोर्ट थाना अंबागढ़ चौकी में दर्ज कराई गई थी ।जिस पर थाना नगर चौकी द्वारा प्रथम सूचना दर्ज करना वाले की पतासाजी शुरू कर दी ।जांच के दौरान आरोपी पवन कुमार कोरेटी के कब्जे से नाबालिग को बरामद कर उसे गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। संपूर्ण विवेचना उपरांत आरोपी पवन कोटेरी के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 363,366,506,376, एवं लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5, 6 के तहत चालान विचारण हेतु विशेष न्यायालय के समक्ष पेश किया गया था । न्यायाधीश श्री शर्मा ने आरोपी के ऊपर लगे सभी आरोपों को प्रमाणित पाया गया और उक्त सजा सुनाई गई।