राजनांदगांव : नेशनल लोक अदालत के लिये गठित की गयी 34 खण्डपीठ…

भौतिक एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 12 मार्च को होगा समस्याओं का निराकरण
राजनांदगांव 10 मार्च 2022। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के अध्यक्ष एवं जिला न्यायाधीश श्री विनय कुमार कश्यप ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देेशानुसार 12 मार्च 2022 को देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण न्यायालयों में बड़ी संख्या में लंबित प्रकरणों में कमी लाने के उदेश्य से तथा प्रभावित पक्षकरों को त्वरित एवं सुलभ न्याय प्रदान करने की दिशा में नेशनल लोक अदालत एक प्रभावशाली कदम है। जिसके लिए जिला न्यायालय राजनांदगांव के अंतर्गत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव द्वारा नेशनल लोक अदालत हेतु जिला न्यायालय राजनांदगांव, तहसील न्यायालय खैरागढ़, डोंगरगढ़, अंबागढ़ चौकी, छुईखदान एवं राजस्व न्यायालय में कुल 34 खण्डपीठों का गठन किया गया है। इन खण्डपीठों द्वारा ही विभिन्न प्रकरणों तथा प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा।

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सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्री देवाशीष ठाकुर ने बताया कि इसी के तहत जिला न्यायालय राजनांदगांव के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव द्वारा नेशनल लोक अदालत के लिए गठित खण्डपीठों द्वारा विभिन्न प्रकरणों व प्री-लीटिगेशन का निराकरण किया जाएगा। इस नेशनल लोक अदालत में जिला न्यायालय राजनांदगांव के लगभग 1400 से अधिक लंबित प्रकरण तथा प्री-लिटिगेशन के लगभग 1800 से अधिक प्रकरण साथ ही राजस्व न्यायालयों के लगभग 4600 प्रकरण का निराकरण किया जाएगा।

लोक अदालत के माध्यम से न्यायालय में राजीनामा योग्य अपराधिक प्रकरणों, धारा-138, परक्राम्य लिखत अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, बैंक रिकवरी प्रकरण, सिविल प्रकरण, निष्पादन प्रकरण, विद्युत संबंधी मामलों व पारिवारिक विवाद के मामलो का निराकरण किया जाना है। इसके अतिरिक्त बैंक, विद्युत विभाग, दूरसंचार विभाग, नगरपालिका परिषद में वसूली संबंधी लंबित प्रकरण प्री-लिटिगेशन प्रकरण, जिला विधिक सहायता प्राधिकरण में प्रस्तुत किये जाएंगे, जो विधिवत पंजीयन उपरांत संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी कर लोक अदालत खण्डपीठ में निराकृत किये जाएंगे। आम जनता को राहत देते हेतु कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के उल्लघंन में दर्ज धारा-188 भारतीय दंड संहिता व महामारी अधिनियम तथा भारतीय दण्ड संहिता में वर्णित लघु अपराध के तहत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण गृह विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी परिपत्र के अनुसार किया जाएगा। यदि कोई भी व्यक्ति लोक अदालत के माध्यम से अपना प्रकरण निराकृत करना चाहता है, तो वह 12 मार्च को न्यायालय में उपस्थित होकर अपना प्रकरण निराकृत करा सकता है।


इस बार हाईब्रिड लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें पक्षकार व अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित होकर व अपने घरों से भी वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण करेंगे। समझौता योग्य दांडिक प्रकरण, पारिवारिक मामले, मोटरयान दुर्घटना दावा, चेक बाउंस के प्रकरण आदि धन संबंधी मामले जो सामान्य लोक अदालतों के माध्यम से निराकृत हो जाते, कोरोना संक्रमण के चलते न्यायिक कामकाज प्रभावित होने से निराकृत नहीं हो पा रहे हंै, परंतु लोक अदालत के सफल संचालन हेतु राजनांदगांव जिला न्यायालय की वेब साइट पर लिंक की सहायता से पक्षकारों को घर बैठे लोक अदालत की खण्डपीठ से जुडऩे में सहायता मिलेगी। यदि कोई पक्षकार इस लोक अदालत के माध्यम से अपना राजीनामा योग्य प्रकरण निराकृत कराना चाहते हंै,

तो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव अथवा अपने अधिवक्ता से संपर्क कर सकते हंै। इस तरह पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कर सकते हैं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव द्वारा पक्षकारों से अपील की गई है कि वे अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर नेशनल लोक अदालत को सफल बनाएं। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अपील करता है कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए आप सभी कोविड-19 के प्रोटोकॉल का पालन आवश्यक रूप से करें तथा सभी अपने मामलों का निराकरण लोक अदालत के माध्यम से कराकर सुलभ, शीघ्र एवं सस्ता न्याय प्राप्त कर सकते हैं।