सायबर अपराधों पर लगाम कसने के लिए पुलिस जवानों को दिया गया प्रशिक्षण।
थानों में ऑनलाईन/ऑफलाईन प्राथमिकी दर्ज करने हेतु सी.सी.टी.एन.एस. का दिया गया प्रशिक्षण।
जिले के विभिन्न थाना/चौकी एवं रक्षित केन्द्र से पुलिस जवान/महिला आरक्षक/नव आरक्षक कुल 37 जवान प्रशिक्षण में हुए थे शामिल।
राजनांदगांव – पुलिस अधीक्षक राजनांदगांव संतोष सिंह के निर्देशन में एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) सुरेशा चौबे के मार्ग दर्शन में, डी.एस.पी. (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) नेहा वर्मा के नेतृत्व में राजनांदगांव सायबर एवं सी.सी.टी.एन.एस. संबंधित जानकारी दिये जाने हेतु जिला राजनांदगांव के विभिन्न थाना/चौकी एवं रक्षित केन्द्र में पदस्थ आरक्षक/महिला आरक्षक/ नव आरक्षक कुल 37 कर्मचारियों को दिनांक 02.06.2022 से 04.06.2022 तक 03 दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया जिसका समापन था ।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) सुरेशा चौबे, डी.एस.पी. (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) नेहा वर्मा उपस्थित रहे जिनके द्वारा सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरण किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (आई.यू.सी.ए.डब्ल्यू.) सुरेशा चौबे द्वारा कहा गया कि यह प्रयास रहेगा कि सायबर अपराध के प्रति पुलिस को अधिक संक्षम व दक्ष बनाये व लोगों को भी सायबर अपराध के संबंध मं जागरूक करें।
सायबर अपराध के साथ थानों में सभी अपराधों में प्रथम सूचना पत्र से लेकर अंतिम प्रतिवेदन तक सभी कार्य ऑनलाईन होने लगा है अतः ज्यादा से ज्यादा जवानों को सीसीटीएनएस योजना के तहत ऑनलाईन फीड होने वाली एफआईआर अपराध का वितरण, केश डायरी, चार्जशीट, फायनल रिपोर्ट, एनसीआर, सीटिजन पोर्टल आदि में कार्य करने का प्रशिक्षण दिया गया ताकि सीसीटीएनएस प्रशिक्षणरत कर्मचारी आपराधिक मामलों को तत्काल ऑनलाईन इन्द्राज कर सकें।
यह प्रशिक्षण लगातार जारी रहेगी जिससे नव निर्मित जिलों में भी कम्प्यूटर, सायबर एवं सी.सी.टी.एन.एस. प्रशिक्षित जवान अधिक से अधिक प्रत्येक थानों में तैनात रहे। उक्त प्रशिक्षण में सायबर अपराध एवं विश्लेषण संबंधी प्रशिक्षण डी.एस.पी. नेहा वर्मा, प्रभारी सायबर सेल सउनि द्वारिका प्रसाद लाउत्रे, आरक्षक हेमंत साहू द्वारा दिया गया तथा सी.सी.टी.एन.एस. का प्रशिक्षण प्रभारी सी.सी.टी.एन.एस. प्रधान आरक्षक हिरेन्द्र साहू, आरक्षक भरत भूषण भूआर्य, आरक्षक ताम्रधवज राजपूत द्वारा दिया गया।
आम लोगों से अपील :- आए दिन लोग डिजिटल ट्रांजेक्शन के नाम पर ठगी के शिकार हो रहे हैं। लोगों से अपील है कि वे अपना डेबिट (एटीएम) कार्ड, क्रेडिट कार्ड, एटीएम पिन, सी.व्ही.व्ही. नम्बर किसी को ना बताये। आर.बी.आई. से बिना रजिस्टर्ड बैंक ऑनलाईन एप्लीकेशन के माध्यम से लोन देने के बाद जरूरत से ज्यादा ब्याज की मांग करते हैं पैसा नहीं पटाने पर आपके ही द्वारा ऑनलाईन एप्लीकेशन डाऊलोड करते वक्त उन्हें अपना सभी सम्पर्क नम्बर, ई-मेल आई.डी. फोटो एक्सेस करने हेतु एक्सेप्ट करके उन्हें उपयोग करने की अनुमति दे दी जाती है जिसका फायदा उठाकर वे पैसा समय पर ना मिलने पर आपके फोटो को एडिट कर या गलत कमेन्ट कर आपके सम्पर्क नम्बरों को मैंसेज करते है।
इसके अलावा फेसबुक पर अंजान महिला/पुरूष से विडियो कॉलिंग कर बात करने पर उसके द्वारा आपका फोटो/विडियो कैप्चर कर लेते हैं और उसमें एडिट कर ब्लेकमेलिंग करते हैं। कई बार लाटरी लगने के नाम पर तो कई बार कैश-बेक के नाम पर फोन/व्हाटसेप कॉल/मैसेज करतें हैं साथ ही स्क्रीन सेयर एप्लीकेशन (एनीडेक्स, क्वीक सपोर्ट) आदि डाउनलोड करवा कर लोगों को ठगी का शिकार बताते हैं। अतः इस प्रकार सायबर क्राईम से बचने के लिए अंजान व्यक्ति द्वारा कॉल/मैसेज भेजने पर उन्हें अपनी जानकारी ना दे किसी के कहने पर एप्लीकेशन डाऊनलोड ना करें। किसी को भी अपनी जानकारी एवं दस्तावेज ना दें समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें। सतर्क रहें जगरूक रहें।