राजनांदगांव : भूखन ने शासन की योजना के तहत अपनी खेतीहर भूमि का बनवाया नि:शुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड…

– मृदा स्वास्थ्य कार्ड से मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों की मिली जानकारी

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– मृदा स्वास्थ्य कार्ड की सलाह से फसल में नहीं लगी किसी प्रकार की कीट व्याधि प्रकोप

– गत वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष धान की फसल बहुत अच्छी

– रबी मौसम में ड्रीप पद्धति से मक्के की खेती की तैयारी

राजनांदगांव 21 अक्टूबर 2024। शासन की योजना का लाभ लेते हुए श्री भूखन ने अपनी खेतीहर भूमि का मिट्टी परीक्षण कराकर नि:शुल्क मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाया है और अच्छी पैदावार ले रहे हैं। छुरिया विकासखंड के ग्राम बम्हनी चारभांठा निवासी श्री भूखन धनकर ने मिट्टी परीक्षण कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड बनाकर खरीफ सीजन में धान फसल लगाई है एवं रबी में ड्रीप पद्धति से मक्के की खेती की तैयारी कर रहे हैं।

किसान श्री भूखन ने बताया कि वह अपनी कृषि भूमि का पहले मिट्टी जांच नहीं कराये थे, कृषि विभाग के मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के अंतर्गत विभागीय अधिकारियों द्वारा ग्राम में सभी किसानों का मृदा नमूना संग्रहण किया जा रहा था। इसी दौरान मेरे खेत का भी मिट्टी नमूना लिया गया।

श्री भूखन के पास 4.890 हेक्टेयर रकबा खेतीहर भूमि है। कृषि विभाग द्वारा मिट्टी परीक्षण कर मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया और मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों के संबंध विस्तार से जानकारी दी गई। इसके साथ ही मृदा स्वास्थ्य में सुधार के लिए नि:शुल्क आदान सामग्री जिंक सल्फेट, बोरेक्स, सल्फर, बूझा हुआ चूना, माईकोरायजा, जेडएसबी प्रदान किया गया और आदान सामग्री के प्रयोग के बारे में विस्तार से बताया गया।

उसी सलाह के अनुरूप उन्होंने खरीफ वर्ष में धान फसल ली है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की अपेक्षा धान की फसल बहुत अच्छी है एवं किसी भी प्रकार की कीट व्याधि का भी प्रकोप बिल्कुल भी नहीं है। पूर्व वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष अधिक धान की उपज प्राप्त होने की संभावना है। श्री भूखन ने बताया कि इस रबी मौसम में ड्रीप पद्धति से मक्के की खेती करने की तैयारी कर रहे हैं, जिससे सिंचाई के लिए कम पानी उपयोग होगा और पानी की बचत होगी।


उल्लेखनीय है कि शासन की योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों की खेतीहर जमीन का नि:शुल्क मिट्टी परीक्षण किया जा रहा है। किसानों को मिट्टी जांच के बाद मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध किया जा रहा है। मृदा स्वास्थ्य कार्ड के साथ किसानों को मिट्टी की उर्वरता और पोषक तत्वों के संबंध में जानकारी दी जा रही है। किसानों को मिट्टी जांच रिपोर्ट के अनुरूप संतुलित खाद का उपयोग, देखरेख एवं मिट्टी के अनुरूप फसल लगाने की सलाह दी जा रही है। इससे किसान अधिक उत्पादन ले रहे हैं और उनके खेतों की मिट्टी का संरक्षण भी हो रहा है।