राजनांदगांव: मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में शरद पूर्णिमा में नहीं बांटी जाएगी जड़ीबुटी युक्त खीर प्रसाद…

-30 हजार से अधिक लोगों को पिछले 22 सालों से बांटी जाती थी प्रसादी

Advertisements

-कोरोना के चलते इस बार आयोजन नहीं करने का फैसला

राजनांदगांव। मानव सेवा एवं जनकल्याण के लिए अंचल सहित देशभर में पहचान बना चुकी बर्फानी सेवाश्रम समिति द्वारा 23वें वर्ष कोरोना वायरस के चलते इस बार शरद पूर्णिमा महोत्सव के तहत 19 अक्टूबर मंगलवार को स्वांस, दमा व आस्थमा पीड़ितों को जड़ीबुटी युक्त खीर प्रसाद का वितरण नहीं किया जाएगा।

संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’ने बताया कि संस्था द्वारा पिछले 22 वर्षों से संस्था के आशीर्वादक श्री बर्फानी दादा जी के मार्गदर्शन में पौराणिक मान्यताओं के अनुसार स्वांस, दमा व आस्थमा पीड़ितों को नि:शुल्क जड़ीबुटीयुक्त खीर प्रसाद का वितरण मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दस महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव शक्ति सिद्धपीठ में आयोजित किया जाता था। जिसमें अंचल सहित देश के विभिन्न राज्यों से हजारों की संख्या में पीड़ितजन आते थे।

इस वर्ष संस्था ने निर्णय लिया है कि 19 अक्टूबर को दिन मंगलवार को पड़ने वाली शरद पूर्णिमा के अवसर पर शहर के साथ ही देशभर में कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यह आयोजन लोगों को सुरक्षित रखने और शासन प्रशासन के निर्देशों का पालन करने के उद्देश्य से लिया गया है। गत दिनों संस्था के पदाधिकारियों एवं सदस्यों द्वारा के दौरान सभी ने इस वर्ष शरद पूर्णिमा का विशाल आयोजन नहीं करने की सहमति दी। जिसमें प्रमुख रूप से संस्था के अध्यक्ष राजेश मारु, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा ‘गन्नू’, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महंत गोविंद दास, महेन्द्र लुनिया, कुलबीर छाबड़ा, सूरज जोशी, कमलेश सिमनकर, आलोक जोशी, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, संजय खंडेलवाल, दामोदर अग्रवाल के अलावा अन्य सदस्यगणों ने अपने विचार रखते हुए एक मत से कहा कि जनमानस को सुरक्षित रखने की दृष्टिकोण से यह कदम उठाया जाना उचित होगा क्योंकि 30 हजार से अधिक पीड़ितजनों का इसमें समावेश रहता है और यह वायरस स्वांस, दमा और अस्थमा वालों को अत्यधित प्रभावित कर सकता है। जिसके कारण ही इस बार 19 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का आयोजन नहीं किया जाएगा। संस्था ने इसके लिए आम पीड़ितजन व श्रद्धालुओं से क्षमा मांगते हुए वातावरण अनुकुल होने पर शीघ्र ही शिविर लगाकर इस प्रकार से पीड़ितजनों को जड़ीबुटी युक्त औषधी का वितरण करने का भी निर्णय लिया है।