*नाजुक हाथों में मजबूती बेमिसाल…*
*- मुख्यमंत्री की मदद से जेसीबी वाली दीदी श्रीमती दमयंती सोनी जाएंगी जापान*
*- श्रीमती दमयंती सोनी ने तहेदिल से मुख्यमंत्री को दिया धन्यवाद*
*- जेसीबी वाली दीदी मशीनरी वाहनों को कुशलता एवं आत्मविश्वास से चलाते हुए अपने हुनर को करेंगी प्रदर्शित*
राजनांदगांव 09 दिसम्बर 2024। नाजुक हाथों में मजबूती बेमिसाल, यह अहसास राजनांदगांव के ग्राम खैरझिटी की जेसीबी वाली दीदी श्रीमती दमयंती सोनी को जेसीबी, चेन माऊंटेन जैसे मशीनरी वाहनों को कुशलता एवं आत्मविश्वास से चलाते हुए देखकर होता है। श्रीमती दमयंती सोनी मशीनरी वाहनों को एक्स-पो में शामिल होने के लिए जापान जाना चाहती थी, लेकिन आर्थिक दिक्कतों के कारण नहीं जा पा रही थी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर 3 लाख 76 हजार रूपए की राशि का चेक मिलते ही उनके लिए जापान जाने की राह अब आसान हो गई है। उन्होंने इस मदद के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को तहेदिल से धन्यवाद दिया है। उन्होंने कहा कि अब मैं प्राप्त राशि से आसानी से जापान जा सकूंगी और अपना हुनर वहां प्रदर्शित करूंगी तथा छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करूंगी।
जेसीबी वाली दीदी श्रीमती दमयंती सोनी ने बताया कि पति की असामयिक मृत्यु ने उन्हें मजबूत बना दिया और बच्चों के परवरिश की जिम्मेदारी को देखते हुए, उन्होंने जेसीबी चलाना शुरू किया। उन्होंने बताया कि उनके पति स्वर्गीय उत्तम कुमार सोनी किराए से जेसीबी चलाते थे, जिसे वे प्रतिदिन देखती थी। उन्होंने धीरे-धीर जेसीबी चलाना सीख लिया। पति की मृत्यु के बाद वे जेसीबी चलाने लगी और यही उनकी आजीविका का साधन बना। उन्होंने बताया कि उनके बेटे अनमोल ने इसी वर्ष मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की है। बेटी का विवाह भी हो गया है। 61 वर्षीय श्रीमती दमयंती सोनी ने बताया कि वे एक दिन में 30-35 बार मिट्टी एवं मुरूम हाईवा में भर लेती है।
मशीनरी वाहनों को आपरेट करते हुए कुशलता से चला लेती है। वह वर्ष 2012 से जेसीबी चला रही है। अन्य राज्यों में समय-समय पर होने वाले एक्स-पो में शामिल हुई और वहां अपने हुनर का प्रदर्शन करने का अवसर मिला। सामान्यत: यह माना जाता है कि ऐसे मशीनरी वाहन चलाना पुरूषों का कार्य है, लेकिन उन्होंने हिम्मत जुटाई और जज्बे के साथ इस चुनौतीपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक कर रही है।
श्रीमती दमयंती सोनी ने बताया कि रायपुर में आयोजित इवेंट में बैकहो के माध्यम से माला उठाकर प्रतिमा को पहनाने से उनका चयन हुआ। वर्ष 2019 में बंगलौर में आयोजित एक्स-पो में इवेंट करके दिखाने का मौका मिला।
जहां 14-15 देशों के लोग आए हुए थे। जापान से आए प्रतिनिधियों ने वहां उनके हुनर को देखकर जापान आने के लिए आमंत्रित किया। कोविड-19 के कारण कार्यक्रम नहीं हो पाया था। अभी कार्यक्रम होने वाला है, जिसमें उन्हें आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि वे पहले ग्रेटर नोएडा जाएंगी, वहां से वीजा बनेगा, उसके बाद वे अपने बेटे के साथ जापान की राजधानी टोक्यो जाएंगी और वहां एक्स-पो में शामिल होकर अपने हुनर का प्रदर्शन करेंगी।