राजनांदगांव: आईसेक्ट प्रधानमंत्री कौशल विकास केंद्र राजनांदगांव द्वारा कौशल मित्र अभियान की शुरुआत पोस्ट ऑफिस में हुआ जिसके प्रथम चरण में पूर्व में प्रशिक्षण लिए हुए छात्र छात्राओं सहित सरपंचों को कौशल मित्र पत्र भेजा गया।
कौशल विकास के क्षेत्र में अग्रणी संस्था आईसेक्ट द्वारा कौशल मित्र अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के तहत प्रधान मंत्री कौशल केंद्र से प्रशिक्षण ले चुके परीक्षार्थियों को पत्र भेजकर उनका हालचाल जाना जा रहा है। संस्था के द्वारा 1350 प्रशिक्षणार्थियों को पत्र भेज कर कौशल मित्र अभियान की शुरूआत की गई है।
प्रधान मंत्री कौशल केंद्र राजनांदगांव से कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण ले चुके प्रशिक्षणार्थियों को आइसेक्ट संस्था ने पत्र लिखकर उनका कुशल क्षेम जाना है। आइसेक्ट प्रधान मंत्री कौशल केंद्र के द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए कौशल मित्र अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत यहां प्रशिक्षण प्राप्त विद्यार्थियों को पत्र लिखकर उनकी खैर खबर ली जा रही है। आईसेक्ट संस्था शिक्षार्थियों को केवल निशुल्क प्रशिक्षण देने तक ही नहीं बल्कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद उनकी नौकरी की व्यवस्था सहित उनसे आत्मीय मेलजोल भी बनाए रखती है। यही कारण है कि संस्था में लगभग 3 माह का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके प्रशिक्षणार्थियों को संस्था के द्वारा पत्र लिखकर उनसे संवाद बनाए रखा है। जिसके लिए कौशल मित्र अभियान के तहत लगभग 5000 प्रशिक्षणार्थियों को पत्र भेजा जा रहा है, जिसकी शुरुआत 1350 पत्र भेजने के माध्यम से की गई है।
प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने के बाद भी उनकी पुछपरख करने वाली संस्था आईसेक्ट की पोस्ट मास्टर के. देवांगन और सहायक पोस्ट मास्टर के. के. तिवारी ने सराहना भी की है। रुपेश देवांगन क्षेत्रीय प्रबंधक आईसेक्ट का कहना है कि अपने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण देने के बाद संस्था भूलती नहीं है बल्कि उन से निरंतर संपर्क बनाए रखती है और जहां भी उन्हें जरूरत होती है संस्था उनके साथ खड़ी होती है। कोरोना दौरान प्रशिक्षण बंद होने की वजह से प्रशिक्षणार्थियों से सीधा संपर्क स्थापित नहीं हो पा रहा था, जिसके चलते कौशल मित्र अभियान चलाकर सभी प्रशिक्षणार्थियों को पत्र लिखकर उनकी खैर खबर ली जा रही है।
कोरोना की वजह से राजनांदगांव जिले से अन्य प्रदेशों में रोजी मजदूरी करने गए 18 से 35 वर्ष आयु के मजदूरों के लिए भी आईसेक्ट संस्था द्वारा उनके कौशल विकास को लेकर योजना है । ऐसे सभी मजदूर जो अब कौशल उन्नयन का प्रशिक्षण लेकर अपने जिले में ही काम करना चाहते हैं उनके लिए संस्था ने राजनांदगांव जिले के लगभग 300 सरपंचों को पत्र लिखकर कौशल उन्नयन की जानकारी दी है। अपने पत्र में संस्था ने कहा है कि 10वीं 12वीं पास 18 से 35 वर्ष की आयु के प्रवासी मजदूरों को कौशल उन्नयन के तहत निःशुल्क प्रशिक्षण दिलवाने में उनकी सहायता करें ताकि ऐसे मजदूरों का कौशल विकास हो सके।