राजनांदगांव : राजनांदगांव मेँ हुई भांजे की विदाई, कांग्रेस के चारों खाने चित्त…

राजनांदगांव विधानसभा चुनाव मेँ कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई हैं, इस चुनाव मेँ कांग्रेस के सारे पैतरे साम,दाम, दंड,भेद धरे के धरे रह गए, संस्कारधानी नगरी की समझदार मतदाताओं के जनादेश के सामने कांग्रेस पार्टी को पूरी तरह से नतमस्तक होना पड़ा l

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भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद गगन आईच ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी डॉ रमन सिंह जी ने अपने पिछले तीन चुनाव के विजय के रिकॉर्ड को खुद तोड़ते हुए ऐतिहासिक विजय हासिल किये हैँ l ज्ञातव्य है कि डॉ रमन सिंह जी वर्ष 2008 मेँ 32389 वोटों से जीते थे, वहीं वर्ष 2013 मेँ 35866 वोटों से विजय हासिल किए थे, वर्ष 2018 के चुनाव मेँ 16933 वोटों से जीते थे l इस बार उन्होंने अपने सभी रिकॉर्ड को तोड़ते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को 45084 वोटों से पराजित किया हैँ l

डॉ रमन सिंह जी के ऐतिहासिक जीत को देखते हुए यह कहना अतिश्योक्तिपूर्ण नहीं होगा कि राजनांदगांव की प्रथम नागरिक यानि महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने अपनी विश्वनीयता को पूरी तरह से खो दिया हैँ उनके अविश्वस्नीयता का आलम यह हैँ कि महापौर महोदया अपने गृह वार्ड यानि चिखली से कांग्रेस पार्टी को विजय दिलाने मेँ असफल रहें l इसके अलावा शहर के अधिकाधिक वार्ड एवं बूथों से कांग्रेस को केवल हार ही मिला हैं, यह इस बात का स्पष्ट प्रमाण हैं कि महापौर श्रीमती हेमा देशमुख ने अपना भरोसा पूरी तरह से खो दिया हैं, इसलिए नैतिकता के नाते स्वाभाविक रूप से महापौर को अपना इस्तीफा सौंप देना चाहिए l


श्री गगन आईच ने कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन के बारे मेँ यह कहा कि जिन्होंने संस्कारधानी नगरी के भांजा होने का वास्ता देते हुए आमजनता से वोट माँगा था, उस भांजे को राजनांदगांव की आम जनता ने बिदाई दें दी l कांग्रेस पार्टी द्वारा चुनाव के ठीक पहले अपने राष्ट्रीय नेता राहुल गाँधी के संदेश को लोगों तक पहुंचाने एवं आमजनता से सहभागिता स्थापित करने के लिए वार्ड एवं ब्लॉक स्तर पर हाथ जोड़ो यात्रा अभियान प्रारम्भ किया गया था,

यह अभियान भी एक तरह से केवल छलावा ही निकला, विधानसभा चुनाव के दौरान श्रमिक बाहुल्य क्षेत्रों मेँ जमकर पैसे बाँटे गए, पैसे से वोट खरीदने के प्रयास किये किंतु मतदाताओं ने कांग्रेस के सपनों को चूर – चूर कर दिया, यहाँ के सुधी मतदाताओं ने यह सिद्ध कर दिया कि संस्कारधानी नगरी की जनता बिकने वाली नहीं हैँ l