
राजनांदगांव के शांति नगर में एक दिल को छू लेने वाली घटना घटी। वहां एक गाय मरने की स्थिति में पड़ी थी, जिसे देखकर कुछ बच्चों के मन में दया आई। उन्होंने गाय को बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई, लेकिन जब कोई नहीं रुका, तो उन्होंने खुद ही गाय का इलाज करने का फैसला किया इन बच्चों में से एक आर्यन गजबिए ने डॉक्टर को कॉल कर बुलाया और गाय का इलाज करवाया।
Advertisements

उनके साथी प्रिश वर्मा, गौरव वर्मा और अन्य मित्रों ने भी इस प्रयास में उनका साथ दिया यह घटना न केवल इन बच्चों की दया और सहानुभूति को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि माता-पिता के संस्कार बच्चों पर कितना प्रभाव डालते हैं। राजनांदगांव को “संस्कारधानी” कहा जाता है, और यह घटना इस नाम को सार्थक करती है।