राजनांदगांव – रोजगार सहायिका के लापरवाही के चलते एक मजदूर परिवार को मनरेगा में की गई मेहनत की राशि लगभग दो वर्षों तक हितग्राही को नहीं मिला था।
छुरिया ग्राम पंचायत रानीतलाब के आश्रित ग्राम कुबराडीह के बुधराम दास व उनकी पत्नी बसंती बाई मनरेगा के तहत हुए कार्यों में मेहनत कर परिवार चलाती है, वहीं उनके एक पुत्र दिव्यांग हैं। मनरेगा के रूपये नहीं मिलने से उसके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई थी। बुधराम की पत्नी बसंती बाई ने कहा कि मनरेगा की राशि पिछले दो सालों से नहीं आया मिला था। जिसके लिए जनपद कार्यालय भी गई थी जहां से जनपद पंचायत के मनरेगा विभाग ने बताया कि राशि दूसरे के खाते में जा रही है।
जिसके बाद प्रताड़ित महिला ने रोजगार साहयीका से मदद ली तब ग्रामीण बैंक चिचोला में जाकर पता करने पर ग्राम रानीतालाब के मनरेगा कार्य में लगे मेट की पत्नी जो एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है उनके खाते में पैसा जाना बताया। पीडि़ता बसंती बाई ने आरोप लगाते हुए कहा मेरी मजदूरी की राशि आपके पत्नी के खाते में जमा हो रही जिसे मुझे निकाल कर दो तो जिसपर मेट धमकी देने लगा। दो वर्ष बाद मामला सामने आने पर आनन-फानन में पीडि़त महिला को राशि दिलवाने की कवायद शुरू हुई।
मेट ने जनपद पंचायत कार्यालय छुरिया पहुंचकर गलती मानते हुए दो दिनों का समय मांगकर पीड़ित महिला को उसके मजदुरी की राशि देने व खुद पर कार्यवाही न करने का निवेदन पत्र दिया। वहीं ग्रामीणों ने कहा कि रोजगार सहायिका की हमेशा लापरवाही को दबा दिया जाता रहा है पहले भी कई मामले सामने आए थे।