किसान आशुतोष द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से काश्त लागत हुई कम
पोषक तत्वों से भरपूर वर्मी कम्पोस्ट से बढ़ी खेतों की उर्वरता
राजनांदगांव 17 मई 2022। डोंगरगढ़ विकासखंड के ग्राम भोथली प्रगतिशील कृषक श्री पवन कुमार ने ग्रीष्मकाल में धान फसल को छोड़कर रागी फसल की खेती को अपनाया जिसके लिए खेत की तैयारी के समय 4 क्विंटल वर्मी खाद अपने खेतों में डाला जिसका सुखद परिणाम बेहतर उत्पादन के रूप में कृषक पवन को मिला। कृषक श्री पवन कुमार ने बताया कि पारंपरिक घुरवा खाद या गोबर की खाद खेत में डालने से कई प्रकार के खरपतवार व अनचाहे बीज भी खेतों में आ जाते है।
साथ ही घुरवा या गोबर खाद को खेत में मिलाने के लिए अलग से जुताई करनी पड़ती है। जबकि वर्मी कम्पोस्ट खाद छनाई हुआ व विभिन्न प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्वों व अनेक प्रकार के पोषक तत्व घोलक जीवाणु से भरपूर होता है। जो खेतों में पहले से उपलब्ध पोषक तत्वों को पौधों को उपलब्ध करने के सहायक है। मैंने वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग सेे 1 हेक्टेयर खेत में 8.10 क्विंटल रागी का उत्पादन किया है। जबकि बिना वर्मी खाद उपयोग वाले खेतों में 5.50 क्विंटल रागी फसल उत्पादन हुआ है। लगातार वर्मी खाद डालने से खेतों की भौतिक दशा में भी सुधार होगा।
इसी प्रकार डोंगरगढ़ विकासखंड ग्राम खरकाटोला के कृषक श्री आशुतोष तिवारी ने भी अपने खेतों में 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग किया था। वर्मी कम्पोस्ट के लाभ के बारे में बताते हुये कृषक श्री तिवारी ने बताया कि खेत की तैयारी करते समय वर्मी कम्पोस्ट डालकर फसल की बोआई किये थे। जिसके बाद फसल के अंकुरण तथा बढ़वार के समय फसलों की हरियाली और बढ़वार को देखकर अन्य रासायनिक खाद का उपयोग नहीं किया। इससे मेरी फसल काश्त लागत भी कम हुई और अन्य खेतों की तुलना में मेरी फसल बेहतर रही। मैं स्वयं भी अन्य किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपयोग के लिये प्रोत्साहित करता हूँ।