राजनांदगांव : शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में आयी जागृति, ग्रामीण अर्थव्यवस्था बन रही मजबूत…

– विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा गौठानों का अवलोकन कर किए जा रहे भ्रामक तथ्य प्रस्तुत, जो कि वास्तविकता से भिन्न

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– 424 गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से की जा रही गोबर खरीदी

– वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक लाभांश राशि का किया गया भुगतान

राजनांदगांव 23 मई 2023। शासन की सुराजी गांव योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में एक जागृति आयी है और किसानों के जीवन में परिवर्तन एवं खुशहाली आयी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। जिला राजनांदगांव अंतर्गत कुल 407 ग्राम पंचायतों में 424 गौठान स्वीकृत हैं। जिनमें 414 ग्रामीण क्षेत्रों एवं 10 शहरी क्षेत्रों में गौठान स्वीकृत हैं। सभी गौठानों में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना के तहत नियमित रूप से गोबर खरीदी की जा रही है। अब तक कुल 16004 गोबर विक्रेताओं से कुल 605296.66 क्विंटल गोबर का क्रय गौठानों में किया गया है। खरीदे गये गोबर से अब तक कुल 167469.44 क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका है तथा कुल 130047.18 क्विंटल खाद का विक्रय किया जा चुका है। वर्मी कम्पोस्ट विक्रय से अब तक स्वसहायता समूहों को कुल 3 करोड़ 93 लाख रूपए से अधिक लाभांश राशि का भुगतान भी किया गया है। वर्तमान स्थिति में जिले के कुल 159 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं।
वर्तमान में जिला अंतर्गत विभिन्न जनप्रतिनिधियों द्वारा गौठानों का अवलोकन किया जा रहा है एवं विभिन्न भ्रामक तथ्य प्रस्तुत किये जा रहे हैं, जो कि वास्तविकता से भिन्न है।


 जिला राजनांदगांव में कुल 407 गौठानों हेतु 3 चरणों में स्वीकृति प्रदान की गयी है। जिसके अंतर्गत तृतीय चरण के गौठानों में मूलभूत सुविधाओं का कार्य प्रगतिरत है। जिन्हें जल्द से जल्द से पूर्ण कराये जाने हेतु शासन द्वारा निर्देशित किया गया है। गौठानों में जैविक खाद निर्माण हेतु कृषि विभाग नोडल विभाग है। कृषि विभाग द्वारा स्वसहायता समूहों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया है एवं आवश्यकतानुरूप समय-समय पर मार्गदर्शन भी प्रदाय किया जाता है। खाद की गुणवत्ता नियंत्रण हेतु सैंपल भी समय-समय पर प्रयोगशाला में प्रेषित किया जाता है। जिले के गौठानों में बिजली एवं पानी की उपलब्धता हेतु विद्युत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग एवं समस्त जनपद पंचायतों को निर्देशित किया गया है। जिसके अनुसार संबंधित विभागों द्वारा इस हेतु समुचित प्रयास करते हुए कार्य कराये जा रहे हैं।

 गौठानों में मवेशियों के सूखा चारा की उपलब्धता हेतु किसानों को प्रेरित कर जिला अंतर्गत कुल 101250 क्विंटल पैरादान कराया गया है। साथ ही पैरा के संरक्षण हेतु बेलर मशीन से बंडल तथा पशु विभाग द्वारा पैरा उपचार भी कराया गया है। गौठानों में समूहों के द्वारा सामुदायिक बाड़ी, मत्स्यपालन, मशरूम उत्पादन, मुर्गीपालन, बकरीपालन एवं अन्य आयमूलक आजीविका गतिविधि विभागीय सहयोग से संचालित की जा रही है। जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।