कोरोना काल में 124 करोड़ रूपए की लागत से देश के 74 प्रतिशत लघु वनोपज का क्रय छत्तीसगढ़ में किया गया – प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर
जिले में 5 सामुदायिक वन संसाधन पत्र अंतर्गत 6611.790 हेक्टेयर एवं 15 सामुदायिक वन अधिकार पत्र के तहत 768.793 हेक्टेयर हितग्राहियों को वितरित किया गया
राजनांदगांव 02 अक्टूबर 2020। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज सामुदायिक वन संसाधन संरक्षण अधिकार पत्र वितरण समारोह में वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए राजनांदगांव जिले से जुड़े।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री से कलेक्टर श्री टोपेश्वर वर्मा, मुख्य वन संरक्षक श्रीमती शालिनी रैना, वनमंडलाधिकारी राजनांदगांव श्री बीपी सिंह, वनमंडलाधिकारी खैरागढ़ श्री रामावतार दुबे एवं हितग्राही वीसी के माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर 5 सामुदायिक वन संसाधन पत्र अंतर्गत 6611.790 हेक्टेयर एवं 15 सामुदायिक वन अधिकार पत्र के तहत 768.793 हेक्टेयर हितग्राहियों को वितरित किया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर में 5 लाख हेक्टेयर से अधिक 1300 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री के अवदानों को स्मरण करते हुए उन्हें नमन किया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल की विपरीत परिस्थितियों में छत्तीसगढ़ में गांधी जी के दिखाए हुए मार्ग में चलते हुए लघु वनोपज संग्रहण, राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं गोधन न्याय योजना के माध्यम से लोगों को आय का जरिया उपलब्ध कराया गया। जिसके परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ में जीएसटी में वृद्धि हुई है।
वनों में फलदार वृक्ष लगाने के लिए पहल की गई है। उन्होंने कहा कि कलेक्टर की यह जिम्मेदारी है कि संबंधित गांव के लोगों को यह जानकारी दें कि किसी भी गांव में कितना क्षेत्रफल का पट्टा दिया जा रहा है। क्षेत्र के विशेष वनोपज के अनुसार प्रसंस्करण इकाई भी बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लघु वनोपज के पौधों को लगाना है ताकि हमारे वन समृद्ध रहें और वनवासियों को आय का साधन भी मिल सके। इस अवसर पर मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा वनों के सरंक्षण, संवर्धन की दिशा में प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना काल में देश के 74 प्रतिशत लघु वनोपज का क्रय छत्तीसगढ़ में किया गया है। 124 करोड़ रूपए की लागत से लघु वनोपज क्रय कर वेल्यू एडिशन करने के लिए भेजा गया था, ताकि इसका लाभ महिला स्वसहायता समूह को दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में व्यापक पैमाने पर अभियान चलाकर वनवासियों को वन अधिकार पत्र दिए जा रहे हैं। ऐतिहासिक फैसला लेते हुए प्रदेश में शहीद महेन्द्र कर्मा सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत तेन्दूपत्ता संग्राहकों के लिए बीमा योजना भी शुरू की गई है। प्रदेश के 13 लाख तेन्दूपत्ता संग्राहकों को राशि प्रदान की गई है।
इस अवसर पर छुईखदान विकासखंड के ग्राम मगरकुंड को वन संसाधन के लिए 180 हेक्टेयर, मगरकुंड में ही 70 हेक्टेयर सामुदायिक वन संसाधन पत्र दिया गया। वहीं छुईखदान विकासखंड के ग्राम मगरकुंड में 140 हेक्टेयर, जंगलपुर घाट में 110 हेक्टेयर, जंगलपुर घाट में 140 हेक्टेयर सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र प्रदान किया गया। जिले के खैरागढ़ अनुविभाग में अभी तक 25 सामुदायिक वन संसाधन पत्र वितरित किए जा चुके हैं।
खैरागढ़ अनुविभाग अंतर्गत ग्राम कटेमा में 123.5 एकड़ लघु वनोपज के लिए, 250.33 एकड़ निस्तार के लिए, 123.5 एकड़ गौण वन उत्पाद अधिकार के लिए, 4.94 एकड़ चराई के लिए, 64.22 एकड़ मत्स्य पालन के लिए तथा ग्राम मलैदा में 148.2 एकड़ निस्तार के लिए, 148.2 एकड़ गौण वन अधिकार के तहत, 123.5 एकड़ गौण वन उत्पाद के लिए, 74.1 एकड़ लघु वनोपज के लिए, 247 एकड़ चराई के लिए वितरित किया गया। इसी तरह ग्राम घाघरा में 123.5 एकड़ चराई के लिए, 48.02 एकड़ मत्स्य पालन के लिए, 138.3 एकड़ लघु वनोपज के लिए, 103.7 एकड़ निस्तार के लिए, 177.8 एकड़ लघु वनोपज के लिए वितरित किया गया। इस अवसर पर एसडीओ खैरागढ़ श्री अमृत लाल खुटे, एसडीओ गंडई श्री अश्वनी कुमार मिश्रा, एसडीओ राजनांदगांव श्री गजभिए सहित सभी अधिकारी एवं हितग्राही उपस्थित थे।