राजनांदगांव – सुरेश जोशी हत्याकांड के मास्टरमाईंड एवं मुख्य आरोपी प्रकाश गोलछा को कोतवाली पुलिस ने अंततः गोंदिया में घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया है कि सुरेश की हत्या कर शहर के दो व्यापारी को फंसाने की उसने साजिश रची थी।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि आरोपी प्रकाश गोलछा से कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने बताया कि 15 साल पहले पार्टीनाला के पास इंडियन पब्लिक स्कूल में वह सचिव के पद पर पदस्थ था। उस दौरान व्यापारी ज्ञानचंद बाफना भी वहां अध्यक्ष पद पर था। स्कूल संचालन में हुए विवाद के कारण आरोपी को वहां से हटा दिया गया।
इसके बाद स्कूल भी बंद हो गया। दो साल पहले अध्यक्ष बाफना ने स्कूल कैंपस को बेच दिया, लेकिन उसे पैसा नहीं दिया। जिसके कारण उसने ज्ञानचंद बाफना को फंसाने का प्लान बनाया था। इसके अलावा शहर के व्यापारी सागर चितलांग्या से सत्यम विहार में एक बंगले की खरीदी के लिए उसने एक करोड़ 38 लाख रुपए दिए थे। इसके बाद आरोपी 2021 में पीटा एक्ट में जेल चला गया।
आरोपी प्रकाश गोलछा ने पुलिस को बताया कि जब वह जेल से लौटा तो सागर चितलांग्या ने राशि लौटाकर बंगला बेचने से इंकार कर दिया। जिसके कारण उसने सुरेश जोशी की हत्या करने प्लान तैयार किया। इस प्लान में मुख्य आरोपी ने अपने साथ पेमेन्द्र निर्मलकर, मनीष खूंटेले, नितेश सेन और दयाराम साहू को हर माह अच्छा वेतन देने का लालच दिया। पुलिस ने चारो आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर लिया है।
कार की पीछे सीट में रखा शव
आरोपी प्रकाश गोलछा ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद दूसरे दिन सुबह साढ़े चार बजे वह फिर फार्म हाउस पहुंचा और सुरेश के शव को अपनी कार के पीछे सीट में डालकर उसे पारींनाला आईपीएस स्कूल किनारे छोड़ दिया। इस दौरान कार को प्रकाश गोलछा चला रहा था। आरोपी ने ज्ञानचंद बाफना को फंसाने के लिए लिखे भार नोट को मृतक सुरेश के जेब में डालकर मोबाइल अपने पास रख लिया था।
कोल्ड्रिंग में मिलाया जहर
प्लान के मुताबिक आरोपी पेमेन्द्र ने शहर से जानवर को मारने की कीटनाशक दवा की खरीदी की। इसके बाद 21 नवंबर को मुख्य आरोपी प्रकाश ने पेमेन्द्र को सुरेश को दोपहर 2 बजे फार्म हाउस लाने कहा। इसके बाद मुख्य आरोपी अपनी स्विफ्ट कार सौजी-08-यू- 9269 से आरोपी मनीष खूंटेल और दयाराम साहू को लेकर पहुंचा।
वहां सुरेश के साथ पहले सभी ने चाय पी और सुसाईड नोट लिखवाया गया, फिर प्रकाश ने दयाराम को कोलड्रक में जहर मिलाकर लाने कहा। आरोपी ने पुलिस को बताया कि सुरेश को जहर देने के बाद वह अपने साथियों को वहां छोड़कर वापस लौट आया, फिर शाम को उसके साथियों ने फोन पर बताया कि सुरेश की मौत हो चुकी है।
जमीन का लालच देकर लिखवाया सुसाईड नोट
मामले के मुख्य आरोपी प्रकाश गोलछा ने पुलिस को बताया कि उसने सुरेश जोशी को दो एकड़ जमीन देने का लालच देकर उससे तीन सुसाइड नोट लिखवाया। इसके अलावा आरोपी ने स्टांप और कुछ कोरे कागज में भी हस्ताक्षर करवाए थे। इस सुसाइड नोट के जरिये उसने कुछ व्यापारियों को ब्लैकमेल करने की साजिश रची थी।