
कचरा पृथककरण एवं कचरा मुक्त शहर के लिये जन जागरूकता लाने सामुदायिक संगठक व*
एस.एल.आर.एम. सेंटर प्रभारियों की कार्यशाला आयोजित
राजनांदगांव 28 मार्च। राज्य शहरी विकास अभिकरण छत्तीसगढ़ शासन एवं भारत सरकार आवासन तथा शहरी कार्य मंत्रालय के निर्देश पर नगर पालिक निगम राजनांदगांव में स्वच्छता में महिलाओं से महिलाओं के नेतृत्व वाली स्वच्छता हेतु स्वच्छ भारत मिशन एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डे एनयूएलएम)
के द्वारा महिला स्व सहायता समूह एवं संगठनों द्वारा शहर को कचरा मुक्त बनाने तथा स्वच्छता संबंधित जागरूकता लाने सामुदायिक संगठक तथा एसएलआरएम सेन्टर प्रभारियों को मास्टर ट्रेनर के रूप प्रशिक्षित करने निगम आयुक्त डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी की अध्यक्षता एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य श्री गणेश पवार की उपस्थिति में आज निगम सभागृह में कार्यशाला आयोजित की गयी।
कार्यशाला को संबोधित करते हुये आयुक्त डॉ. चतुर्वेदी ने कहा कि ठोस कचरे के प्रबंधन के लिये सुरक्षित एवं वैज्ञानिक तरीको के इस्तेमाल करने लोगों को जानकारी देना है, क्योकि घर से ही कचरा निकलता है और उसे स्त्रोत में पृथककरण करने समझाईस देना है। उन्हें समझाना है कि आप घर में ही गीला व सुखा कचरा अलग अलग रखे।

एक जैविक कचरे के लिये हरा और दूसरा सूखे और रिसाईकिल करने योग्य कचरे के लिये नीला इस प्रकार हरा गीला सूखा नीला में रखने समझाईस दे। उन्होंने कहा कि अपने सामुदाये के लोगों को कचरे को अनुचित तरीके से जलाने, सार्वजनिक स्थानों पर फेकने या जलाशयो में छोडने से हतोत्साहित करे तथा अपने कचरे के उचित प्रबंध की जिम्मेदारी लेने के लिये परिवारों एवं समुदायों को एक साथ काम करने के लिये प्रोत्साहित करे।
पर्यावरण को स्वच्छ एवं साफ रखने के लिये सार्वजनिक स्थानों पर थूकने व कचरा फैलाने से परहेज करे। इसके अलावा कीटाणुओं और बीमारियों को फैलने से रोकने के लिए अपने हाथों को बार बार साबून से धोये। उन्होंने कहा कि गंदगी फैलाने वालों के खिलाफ जागरूकता पैदा करके नागरिकों को सार्वजनिक क्षेत्रों में कचरा फैकने से रोकने के लिये सामुदाय को साफ सुथरा बनाना है।
खूले में शौच नही करना, हर तीन साल में सैप्टिक टैंक की सफाई करना, होम कम्पोस्टिग तथा पर्सनल हाईजिंग एवं स्वास्थ्य के संबंध में लोगों को जागरूक करना है। साथ ही प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने, अपने घर से थैला लेकर निकलने समझाईस देना है। प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में जानकारी देना है। उन्होंने कहा कि 158 तरीके से कचरे का निस्पादन होता है, इन तरीकों को अपनाना है।
उन्होंने कहा कि आप सब पहले से प्रशिक्षित है, इसकी जानकारी स्वच्छता दीदीयों को देना है, ताकि वे लोग भी घर घर जाकर समझाईस दे सके।
स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी सदस्य श्री गणेश पवार ने कहा कि लोगो को कचरा पृथककरण, स्वच्छता का संदेश देना है, ताकि शहर को स्वच्छ एवं सुंदर बना सके। साथ ही स्वच्छता सर्वेक्षण में उच्च स्थान प्राप्त कर सके। कार्यशाला को मिशन क्लीन सिटी प्रभारी सुश्री आयुषी सिंग व प्र.स्वास्थ्य अधिकारी श्री राजेश मिश्रा ने भी संबोधित किया। कार्यशाला के प्रारंभ में शहरी आजीविका मिशन के सिटी मैनेजर श्री राम कश्यप ने कार्यशाला के संबंध में जानकारी दी। कार्यशाला में सामुदायिक संगठक एवं स्वच्छता दीदी उपस्थित थी।